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प्रदेश में क्रशर बंद होने से सभी निर्माण कार्य ठप, सैंकड़ों हाथ बेरोजगार, रिस्टोरेशन भी थमी

PARUL | Aug 29, 2023 at 3:51 pm

HNN/कुल्लू

प्रदेश सरकार के तुगलकी फरमान के बाद हिमाचल में क्रशर बंद हो गए हैं। खासकर कुल्लू-मंडी के सभी क्रशरों पर ताला लग गया है। जिस कारण रेत-बजरी की सारी सप्लाई ठप पड़ गई है। क्रशर बंद होने से जहां सैंकड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है वहीं प्रदेश के मजदूरों ने भी पलायन करना शुरु कर दिया है। यही नहीं आपदा के बाद मची तबाही की रिस्टोरेशन में भी बाधा आ गई है। जिन लोगों के मकान ढह गए हैं और मकान निर्माण की योजना बना रहे थे उनकी योजना भी धरी की धरी रह गई है।

पहले उन पर कुदरत की मार पड़ी और अब सरकारी फरमानों की मार झेलनी पड़ रही है। लिहाजा उन लोगों को तब तक टेंटों में रहना पड़ेगा जब तक रेत-बजरी नहीं मिलती है। यही नहीं जिन लोगों ने मकान बनाना या अन्य निर्माण शुरू किए थे उनके निर्माण कार्य भी ठप पड़ गए हैं। प्रशासन को भी सड़को, पूलों के रिस्टोरेशन में दिक्कतें आना शुरू हो जाएगी।

हैरानी इस बात की है कि सरकार ने बिना सोचे समझे ही क्रशरों को बंद करने का निर्णय लिया है जबकि इस आपदा की घड़ी में सरकारी व गैरसरकारी मशीनरियों को चलाने के लिए क्रशर से रेत-बजरी की आवश्यकता है। सैंकड़ो टिप्पर मालिक व चालक, परिचालक भी बेरोजगार हो गए हैं और टिपरों के पहिए जाम हो गए हैं।

गौर रहे कि प्रदेश में जितने भी स्टोन क्रशर लगे हैं ये सब उच्च न्यायालय, ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित मानकों को सफलतापूर्वक निर्वाहन कर उनकी देख-रेख में गठित कमेटियों के निरीक्षण के बाद ही लगते हैं और समय-समय पर निरीक्षण से गुजरते हैं।

इस के अलावा सरकार की समय-समय पर दी गई सूचनाओं को भी पूरा करते हैं। ये सब सरकार के द्वारा चयनित सब टैक्सों की अदायगी करते हैं। बावजूद इसके स्टोन क्रशरों पर सरकार ने रोक लगा दी जो ब्यास बेसन पर लगे हुए हैं। ऐसे में भारी परेशानियां खड़ी हो गई है।

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