उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में आमजन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वे रविवार को श्री रेणुका जी में आयोजित 6 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इससे पूर्व उन्होंने रेणुका झील के देवघाट पर आरती में भाग लिया और भगवान परशुराम जी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
श्री रेणुका जी
संस्कृति के संरक्षण में लोगों की भागीदारी आवश्यक — अग्निहोत्री
रेणू मंच पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल देवभूमि के रूप में जाना जाता है, जहां लोगों की देवी-देवताओं में गहरी श्रद्धा है। उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने के लिए संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में सबको योगदान देना चाहिए।
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रेणुका विधानसभा क्षेत्र विकास की दिशा में अग्रसर
उन्होंने कहा कि रेणुका विधानसभा क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस क्षेत्र का नेतृत्व प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार ने किया था, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का इस क्षेत्र से गहरा लगाव रहा है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि नोहराधार बस स्टैंड के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये और खुड द्राविड़ पेयजल योजना के लिए 50 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
मेले को दिया गया हरित स्वरूप, पॉलिथीन पर प्रतिबंध
विधानसभा उपाध्यक्ष एवं रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस बार मेले को “हरित मेला” के रूप में आयोजित किया जा रहा है। पॉलिथीन के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और प्रतिदिन रेणुका आरती का आयोजन एक नई पहल के रूप में किया जा रहा है।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा, पुलिस अधीक्षक निश्चिंत नेगी, एडीएम लायक राम वर्मा, एसडीएम राजीव सांख्यान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता तपेंद्र चौहान, मित्र सिंह तोमर, भारत सिंह ठाकुर सहित रेणुका विकास बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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