आउटसोर्स कंपनी ‘पांखी’ पर सवाल; बिना सूचना के आयोजन, प्रशासन ने मांगी रिपोर्ट
हिमाचल नाऊ न्यूज़ पांवटा साहिब
केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत एनटीटी (ईसीसीई) भर्ती के लिए रविवार को पांवटा साहिब में आयोजित जिला स्तरीय वॉक-इन इंटरव्यू में भारी अव्यवस्था देखने को मिली।
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भीषण गर्मी और 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच हजारों महिला अभ्यर्थी पीने के पानी और मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसती रहीं।आउटसोर्स कंपनी ‘पांखी’ द्वारा आयोजित इस इंटरव्यू में पहुंची हजारों महिलाओं के लिए बैठने, आराम करने या भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी।
चिलचिलाती धूप में अपनी बारी का इंतजार करती, गर्मी से बेहाल महिलाओं के लिए पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं था। इनमें गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों की मां और बीमार अभ्यर्थी भी शामिल थीं, जो एक अदद आउटसोर्स नौकरी की आस में अपनी जान जोखिम में डालकर धक्के खाने को मजबूर थीं।
गर्मी से बचने के लिए टेंट और पंखे तो दूर की बात, पानी की एक बूंद भी मुश्किल से नसीब हो रही थी।प्रशासन को नहीं थी सूचना, बैकडोर एंट्री के आरोपसबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस जिला स्तरीय वॉक-इन इंटरव्यू के संबंध में शिक्षा विभाग, समग्र शिक्षा अभियान, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।
एक ओर जहां खुले आसमान के नीचे हजारों महिलाएं घंटों अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग बैकडोर से अपने जानकारों को सीधे एंट्री दिलाते हुए वायरल वीडियो में कैद हुए।
ये लोग साक्षात्कार स्थल के एग्जिट गेट से अपने चहेतों को अंदर भेज रहे थे, जिससे व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए।अव्यवस्था पर प्रशासन के हाथ-पांव फूलेअव्यवस्था पर खबरें और वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले।
स्थानीय एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा और तहसीलदार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हुआ। प्रशासन के पहुंचने के बावजूद महिलाएं यथावत धूप में खड़ी रहीं।
हालांकि, कुछ पुलिस के जवान पानी की बोतलें बांटते जरूर नजर आए।कंपनी के निदेशक ईश्वर चंद शर्मा ने हालांकि दावा किया कि अभ्यर्थियों के लिए खाना और पानी आदि का इंतजाम किया गया था और बैकडोर से किसी को नहीं घुसने दिया गया।
दूसरी ओर, एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा ने बताया कि प्रशासन को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने भी माना कि अव्यवस्था की वजह से हजारों आवेदनकर्ता परेशान हुए हैं।
एसडीएम ने बताया कि यहां के हालात के विषय में उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस पूरी घटना ने आउटसोर्स भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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