दल बल के साथ पहुंचे डीएसपी हेडक्वार्टर, पूरा दफ्तर खंगाला,नहीं लगा कुछ भी हाथ
हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन
पांवटा साहिब स्थित पॉल्यूशन बोर्ड के जिला कार्यालय में डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत की अगुवाई में भारी दलबल के साथ रेड की गई। हालांकि यह कार्रवाई 25 मार्च मंगलवार के दिन की गई थी जिसकी खबर किसी को कानो कान तक नहीं लगी थी।
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अचानक हुई इस रेड को लेकर न केवल जिला प्रमुख पर्यावरण इजीनियर अतुल परमार बल्कि पूरा स्टाफ सदमे में है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि डीएसपी हेडक्वार्टर को शिमला से कोई टिप मिली थी कि पॉल्यूशन बोर्ड के कार्यालय में भारी मात्रा में कैश रखा गया है।
इसके बाद पुलिस अधिकारी पूरे दलबल के साथ सीधे पॉल्यूशन बोर्ड के कार्यालय में दबिश दे देते हैं। इस रेड बनाम दबिश में पूरा दफ्तर खंगाला गया यहां तक की स्टाफ का कहना है कि महिला स्टाफ का पर्स तक चेक किया गया।
अब यहां सवाल यह उठता है कि जब सरकार के पास सरकारी विभाग या अधिकारी की जांच के लिए विजिलेंस डिपार्मेंट बनाया गया है तो ऐसे में यह पुलिस कार्रवाई किस लिए की गई थी।
सवाल तो यह भी उठना है कि क्या कोई बड़ा क्रिमिनल मामला था कि विजिलेंस की जगह पुलिस को कार्रवाई में शामिल होना पड़ा। सवाल तो यह भी उठना है कि आखिर यह कार्यवाही किसके इशारे अथवा किसकी शिकायत पर की गई थी।
जिला पुलिस के आला अधिकारियों से इसकी जानकारी भी मांगी गई मगर सभी ने अपनी जवाब देही से कन्नी काटी है।इस पुलिसिया कर्यवाही की जानकारी जब पॉल्यूशन बोर्ड के जिला प्रमुख पर्यावरण इंजीनियर अतुल परमार से मांगी गई तो उन्होंने बताया कि यह कोई बड़ा षड्यंत्र था जिसके तहत उन्हें फंसा कर बदनाम करने की साजिश रची गई थी।
उन्होंने तो यह भी बताया कि मंगलवार की सुबह कुछ संदिग्ध कथित इंडस्ट्रियलिस्ट उनके पास आए थे।उन्होंने बताया कि वह जबरन कार्यालय में किसी काम की एवज में रिश्वत देना चाह रहे थे।
उन्होंने बताय कि उनके सख्ती से पेश आते हुए उन्हें दफर से जानके लिए कहा गया।उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह मामला घूसखोरी का भी होता तो इस मामले में विजिलेंस की कार्यवाही बनती थी। उन्होंने बताया कि कार्यवाही में शामिल अधिकारी के द्वारा उन्हें किसी भी तरह का सर्च वारंट भी नहीं दिखाया गया।
वहीं कुछ उद्योगपतियों से पता चला कि बोर्ड के अधिकारी अतुल परमार बेहद ईमानदार छवि के अधिकारी हैं। किसी भी कार्य के एवरेज में उन्होंने कोई पैसा अथवा कोई बगार कहीं हो ऐसा कभी नहीं हुआ है।
पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर कार्यालय का पूरा स्टाफ सकते और सदमे में है। जानकारी तो यह भी मिली है कि कार्यालय के सीसीटीवी रिकॉर्ड को भी कब्जे में लिया गया है।
उधर एसडीएम पोंटा गुरजीत सिंह चीमा ने अभिज्ञता जताते हुए कहा कि ऐसी कोई कार्यवाही हुई है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
डीएसपी पावटा साहिब मानवेंद्र ठाकुर ने बताया कि जिस दिन यह कार्यवाही हुई बताई जा रही है उसे दिन वह छुट्टी पर थे।
वहीं जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत पांवटा साहिब गए थे। क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
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