हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के हरित राज्य मिशन को और मजबूती देने के लिए राजीव गांधी वन संवर्धन योजना महत्वपूर्ण साबित होगी। यह योजना पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता और स्थानीय युवाओं व महिलाओं के लिए रोजगार सृजन में अहम योगदान देगी।
चंबा
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर राज्य सरकार का कदम
उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से काम कर रही है। पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल स्रोतों का संरक्षण और सतत विकास से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
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वन संवर्धन योजना का उद्देश्य
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत सामुदायिक भागीदारी से वनों का संरक्षण और संवर्धन होगा। महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर वानिकी गतिविधियों से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिलेगा। योजना में प्रति हेक्टेयर 1.20 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें 80% मजदूरी और 20% सामग्री पर व्यय होगा।
युवाओं और प्रदेश हितों के लिए अन्य पहलें
पत्रकार वार्ता में पठानिया ने बताया कि राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत ई-टैक्सी खरीदने पर 50% अनुदान दिया जा रहा है। सरकार जल विद्युत परियोजनाओं से प्रदेश के आर्थिक हितों को सुनिश्चित कर रही है और नशीले पदार्थों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
परीक्षा विधेयक में कड़ी सजा का प्रावधान
उन्होंने हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के बारे में बताया कि इसमें अपराधियों को 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। परीक्षा आयोजन एजेंसी पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना और 4 साल तक किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन से रोकने का प्रावधान होगा।
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