सांसद व प्रदेश अध्यक्ष, विधायक और विपणन बोर्ड अध्यक्ष के बावजूद नहीं हुआ विकास
HNN / पच्छाद
जिला सिरमौर के पच्छाद में विकास के मामलों में पिछड़ी भाजपा अब प्रचार-प्रसार में पिछड़ती नजर आ रही है। यही नहीं, साथ लगते नाहन और सोलन जिला को देखते हुए विकास में पिछड़े पच्छाद के मतदाता भी सरकार और पार्टी से काफी नाराज नजर आ रहे हैं। आम जनता का कहना है कि यह एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र हैं, जो प्रदेश की सरकार सहित केंद्र में सीधे-सीधे बड़ा कद रखता था। बावजूद इसके इस विधानसभा क्षेत्र की सड़कें स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार के संसाधन जुटा पाने में सरकार नाकाम साबित रही है।
सड़कों की हालत बद से बदतर स्थिति में गुजर रही है। लोगों का यह भी कहना है कि खुद को दिग्गज कहलाने वाले भाजपा के नेता अपने गृह विधानसभा क्षेत्र से लगाव ना रखते हुए नाहन, दिल्ली और शिमला में ही नजर आए। आम जनता का यह भी कहना है कि भाजपा की महिला विधायक स्थानीय समस्याओं को सदन और सरकार तक पहुंचा पाने में बिल्कुल नाकाम साबित हुई है। कई ग्रामीण क्षेत्र जिनमें श्यामपुर जोकि प्रदेश अध्यक्ष के घर से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर है वहां तक सड़क नहीं पहुंच पाई है।
वही, आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में डटे हुए जीआर मुसाफिर ने जमकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में दिग्गज कहलाने वाले भाजपा नेताओं के तमाम विकास के दावे जुमले ही साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सड़कों के बारे में यदि बात की जाए तो एक भी सड़क ऐसी नहीं है,जो भाजपा की कथनी और करनी में समानता दिखाती हो। पाली-टाली पाव रोड, लानाम्यू रोड, वासनी रोड, नेरी पुल, गिरी पुल ,यशवंत नगर की सड़कें, शिलांजीन रोड, भ्राता घाट रोड, धामला मझगांव रोड सहित तमाम ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें बद से भी बदतर हालत में है।
जीआर मुसाफिर का कहना है कि जो भाजपा की जयराम सरकार ने इस क्षेत्र में घोषणा की थी वह सारे कार्य केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं। उन्होंने कहा भाजपा की डबल इंजन सरकार ने करोड़ों अरबों रुपए इन्वेस्टर मीट में बहा दिए। बावजूद इसके की गई घोषणा के अनुसार गिन्नी घाट में एक भी इंडस्ट्री नहीं लगा पाए। मुसाफिर ने कहा कि जनता फिर से उन्हें दिल से समर्थन दे रही है। निश्चित ही जीतने के बाद क्षेत्र में फिर से विकास की गंगा बहाई जाएगी। बरहाल, मौजूदा समय भाजपा की प्रत्याशी रीना कश्यप का जनाधार पूरी तरह से अब खिसकता हुआ नजर आ रहा है।
नरेंद्र जगमोहन, सुमन किरण, अंजू ठाकुर, भंडारी हितेंद्र शर्मा आदि का कहना है कि ऐसी विधायक का भी क्या फायदा जो अभी भी दोनों प्रमुख नेताओं की उंगली पकड़कर चल रही हो। बड़ी बात तो यह भी नजर आ रही है कि रीना कश्यप को टिकट दिए जाने को लेकर पच्छाद भाजपा में काफी ज्यादा नाराजगी भी चल रही है। जिन लोगों ने पार्टी की दिल से और अर्से से सेवा की है, वह केवल मीटिंग और दरियां झाड़ने तक ही सीमित रह गए हैं।
जानकारी तो यह भी है कि जो शिमला में मंडल का मतदान प्रत्याशी को लेकर करवाया गया था उसमें रीना कश्यप का स्थान नहीं था। बावजूद इसके रीना कश्यप को भाजपा की ओर से टिकट दिया गया। यही नहीं लोगों का कहना है कि विधायक गिरी आर क्षेत्र में लंबे समय से नदारद रही है। बरहाल, लोगों का अब जिस तरीके से रुझान फिर से जीआर मुसाफिर यानी आजाद प्रत्याशी की ओर बढ़ता नजर आ रहा है उससे एक बात तो साफ है कि जनता चाहे वह भाजपा से जुड़ी हो चाहे कांग्रेस से, अपनी नाराजगी दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों पर उतारने को आतुर है।