MC समझा समझा कर हारी, समझदारों के दिमागी कचरे को कैसे साफ करें सफाई कर्मचारी
HNN News नाहन
अढ्या -पढ़ाया जाट 16 दूनी आठ, यह कहावत नाहन नगर निवासियों पर एकदम परफेक्ट बैठी नजर आ रही है। देश की सबसे पुरानी और दूसरी नगर परिषद के अथक प्रयासों के बाद पढ़े लिखे समझदार खुले में कचरा गिरने से बाज नहीं आ रहे हैं।
नाहन नगर परिषद के द्वारा सफाई कर्मचारी सहित घर से कचरा उठाने वाले सफाई मित्रों के भारी लाभ लश्कर के बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
डेंगू और वायरल फीवर की बड़ी आपदा से गुजरने के बावजूद शहर के लोग खुले में कचरा फेंक कर खुद ही एक महामारी को निमंत्रण दे रहे हैं। मीडिया टीम के द्वारा सुबह करीब 5:30 के आसपास की गई रिपोर्टिंग में खास बात यह नजर आई की शहर के हर कोने में सफाई मित्र पूरी संजीदगी से सफाई कार्य में जुटे हुए थे।
बावजूद इसके जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों पर फेंका गया कचरा पढ़े लिखो की मूर्खता की पुष्टि कर रहा था। गुन्नू घाट ,जीएसटी रोड, केंट स्कूल, माल रोड, शिमला रोड शाहिद शहर का कोई ऐसा कोना नहीं था जहां खुले में कचरा गिराया ना गया हो।
शहर के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि अधिकतर किराए के मकान में रहने वाले लोग व कुछ दुकानदार ऐसे हैं जो रात के अंधेरे का फायदा उठाकर घर का कचरा पॉलिथीन बैग में बंद कर खुली जगह पर गिरा देते हैं। खुली जगह पर गिराए हुआ कचरा न केवल बेसहारा पशुओं के लिए संकट बन गया है बल्कि शहर कब महामारी की चपेट में आ जाए इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसा भी नहीं है की डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन नहीं होती हो बल्कि कूड़ा इकट्ठा करने वाले सफाई मित्र का इंतजार कर पाना लोगों की फितरत में अभी तक शामिल नहीं हुआ है। चिंता की सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि लोग अभी भी घर के कचरे का पृथ्की करण कर कचरा प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में नगर प्रशासन के सामने सफाई व्यवस्था को कायम कर पाना बड़ी चुनौती बन गया है। सामाजिक संगठनों का मानना है कि नगर परिषद जब तक शक्ति और दंडात्मक कार्रवाई को नहीं अपना आती है तब तक लापरवाह लोगों को समझना हर तरह से मुश्किल है।
शहर में जगह-जगह पसरी गंदगी पर्यटन पर भी बदनुमा दाग साबित हो रही है। शहर में महंगी पार्किंग और जगह फैली गंदगी के कारण बाहरी राज्यों से आने वाला पर्यटक नाहन शहर से अब मुंह मोड़ने लगा पड़ा है।
सीनियर सिटीजंस का कहना है कि एक समय ऐसा था कि दूसरे राज्यों मैं नाहन शहर की सफाई व्यवस्था की मिसालें दी जाती थी तो वही अब जब साक्षरता दर शत प्रतिशत है तो नैतिक दायित्व में पढ़े लिखे लोग दूसरे राज्यों के लोगों के लिए उपहास बन गए हैं।
उधर एमसी के सेनेटरी इंचार्ज सुलेमान का कहना है कि जल्द ही कुछ खास सार्वजनिक जगह पर हिडन कैमरे लगाए जाएंगे इसके साथ-साथ खुले में कचरा गिराने वालों के चालान कर उन्हें कोर्ट में लगाया जाएगा।