नशे के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं पर दर्ज मुकदमों को लेकर सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इवेंट नहीं, ठोस कार्रवाई से ही प्रदेश को नशा मुक्त किया जा सकता है।
बिलासपुर
महिलाओं पर मुकदमे को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
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पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बिलासपुर में नशे के खिलाफ गश्त कर रही महिलाओं पर दर्ज मुकदमों को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अपने परिवार और बच्चों को नशे से बचाने के लिए यदि महिलाएं सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं, तो यह सरकार और व्यवस्था की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने इन मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
जयराम ठाकुर बिलासपुर मुख्य बाजार से उपायुक्त कार्यालय तक निकाले गए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई करने के बजाय नशे के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं को ही निशाना बना रही है।
नशे पर इवेंट मैनेजमेंट का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में नशा लगातार बढ़ रहा है और युवा ओवरडोज से अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन सरकार गंभीरता दिखाने के बजाय इवेंट और शोबाजी में लगी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब महिलाओं ने नशे की सूचना पुलिस को दी तो समय पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
पुलिस कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
उन्होंने कहा कि गांवों में झाड़ियों से नशे में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शनों की खेप मिलना आम बात हो गई है। समाज, परिवार और प्रदेशवासी नशे के खिलाफ सहयोग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का रवैया समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जो काम पुलिस को करना चाहिए, वह काम आम लोग कर रहे हैं और बदले में उन्हें मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व सरकार के प्रयासों का किया जिक्र
जयराम ठाकुर ने कहा कि अपने कार्यकाल में नशे के खिलाफ पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर समन्वय किया गया, जिससे प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ। उस दौरान मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन मौजूदा सरकार के तीन साल के कार्यकाल में एक भी ऐसी बैठक नहीं हुई।
वॉकथन और मंच को लेकर सरकार पर हमला
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में बिलासपुर में हुए नशा विरोधी वॉकथन में भाजपा के विधायकों को नहीं बुलाया गया, जबकि मंच पर ऐसे लोग मौजूद थे जिन पर नशे से जुड़े आरोप हैं। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री वास्तव में चिट्टे के खिलाफ गंभीर हैं, तो नशे के खिलाफ लड़ने वालों को सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए, मुकदमे नहीं।
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