HNN/ शिमला
मादक पदार्थों के सेवन ने युवा पीढ़ी को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। युवाओं के भविष्य को नशा दीमक की तरह चाट रहा है। धूम्रपान व शराब से लेकर हेरोइन, गांजा व नशीले कैप्सूलों के कारोबार का आज जैसे जाल सा बिछ गया है। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है।
नशा समाज के हर हिस्से में तेजी से अपने पैर पसार रहा है, खासकर युवा पीढ़ी नशे की लत की गिरफ्त में जकड़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश के तकरीबन हर जिले में नशे की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। बड़ी बात तो यह है कि युवा ही नहीं बल्कि महिलाएं भी तस्करी करने से पीछे नहीं हट रही है।
आए दिन महिलाएं भी नशे की खेप सहित पुलिस के हत्थे चढ़ा रही है। जिला शिमला में पुलिस ने वर्ष 2020 में नशे के मामलों में 240 पुरुषों और आठ महिलाओं को हिरासत में लिया था। 2021 में 301 पुरुषों सहित सात महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। वहीं फरवरी माह में भी पुलिस ने रोहड़ू और रामपुर में दो अलग-अलग मामलों में दो महिलाओं को चरस के साथ गिरफ्तार किया था।