विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने परिसर में तख्तियाँ उठाकर विरोध दर्ज कराया। विपक्ष ने सरकार पर विकास व ऐच्छिक निधि रोके जाने का आरोप लगाया और तत्काल जारी करने की मांग की।
धर्मशाला
कार्यवाही से पहले विधानसभा परिसर में दिखा विरोध का दृश्य
सत्र शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए परिसर में प्रदर्शन किया। हाथों में लिखी तख्तियों के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में विधायक एकजुट दिखाई दिए।
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मुख्य मांग — विकास निधि जारी हो, ट्रेजरी खुले
विधायकों ने कहा कि निधि न जारी होने से विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। विपक्ष ने निधि बहाल करने के साथ पंचायत चुनाव की तिथियाँ घोषित करने और ट्रेज़री खोलने की मांग भी उठाई।
विपक्ष का कहना है कि यदि निधि जारी नहीं हुई तो विकास कार्यों की गति पूरी तरह प्रभावित होगी और कई परियोजनाएँ अधर में लटक सकती हैं। भाजपा विधायकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस संबंध में शीघ्र निर्णय नहीं लेती, तो विपक्ष सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह आंदोलन की तीव्रता बढ़ाने पर बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का प्रवाह रोका जाना सीधे तौर पर लोकतांत्रिक अधिकारों और प्रतिनिधिक व्यवस्था के खिलाफ है, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विधानसभा परिसर के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि विपक्ष निधि वितरण और ट्रेज़री संचालन पर सरकार से ठोस स्पष्टीकरण चाहता है। वहीं सत्तापक्ष का मानना है कि प्रदेश के वित्तीय संसाधनों का उपयोग नियोजित ढंग से और प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है, ताकि बजट संतुलन और कार्य संचालन में व्यवस्थित अनुशासन बना रहे। आने वाले दिनों में सदन के भीतर इस मुद्दे पर बहस कितनी तीखी होगी, यह सर्दियों के इस सत्र की दिशा और राजनीतिक तापमान दोनों तय कर सकती है।
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