सोयाबीन पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर के विशेषज्ञ करेंगे मंथन
हिमाचल नाऊ न्यूज़ पालमपुर
चौधरी सवरण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में बुधवारको सोयाबीन पर एआईसीआरपी की 55वीं वार्षिक समूह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर)-राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (एनएसआरआई), इंदौर, मध्य प्रदेश के संयुक्ततत्वावधान में आरंभ हुई।
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उद्घाटन सत्र के मुख्यातिथि कुलपति प्रो नवीन कुमार ने कहा भारतीय कृषि अनुसंधानपरिषद की मदद लेते हुए ‘सोयाबीन कंपेन’ आरंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वार्षिक समूहबैठक में चलाए जा रहे अनुसंधान के परिणामों पर चर्चा करते हुए किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकियों और वाणिज्यिक उत्पादों के विकास के लिए भविष्य की रणनीति तैयार की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार करनी होगी जो देश के साथ हिमाचल प्रदेश के सभी किसानों के लिए समान रूप से फायदेमंद साबित हो।
उन्होंनेविशेषज्ञों से कहा कि वह देश में उन क्षेत्रों की खोज करें जहां पर सोयाबीन की उत्पादकता अधिक होऔर वहां पर किसानों को इसे लगाने के लिए प्रेरित करें।
सोयाबीन जहां मानव के लिए प्रोटीन कोउत्कृष्ट स्त्रोत है वहीं पशुओं के लिए भी एक प्रमुख चारा फसल के तौर पर इसका उपयोग किया जासकता है।
वही उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक उप महानिदेशक डा.संजीव गुप्ता ने की गई। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण कार्यक्रम में सोयाबीन को प्राथमिकता देतेहुए भारत देश को एक ‘प्रोटीन हब’ के रूप में विकसित किए जाने की अवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथिडा. कंवर हरिंदर सिंह ने विगत 54वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की अमल की जानकारी को प्रस्तुतकरते हुए बताया कि सोयाबीन उत्पादन के पांच मुख्य देशों में से भारत एक है।
यह तेजी से किसानोंमें व्यवसायिक फसल के तौर पर अपनाई जा रही है। देश के 15 राज्यों में किसान इसे उगा रहे हैं।अयोजन सचिव डा. वेदना कुमारी ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक में देश भर के विभिन्नराज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भा.कृ.अनु.परि. संस्थानों, निजी क्षेत्र और नीति निर्माताओं का प्रतिनिधित्वकरने वाले लगभग 100 प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसान भाग ले रहे हैं।
मुख्य अतिथि औरअन्य अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में विभिन्न पुस्तकों, स्मारिकाओं और पुस्तिकाओं का विमोचन भीकिया ।संगोष्ठी में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डा. जीत सिंह ठाकुर तथा विश्वविद्यालय केप्रसार शिक्षा निदेशक डा. विनोद शर्मा समेत संविधिक अधिकारी , वैज्ञानिक और विद्यार्थी मौजूद रहे।
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