शिमला जिले के उपमंडल ठियोग की बलग पंचायत के एक गांव में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर दिया। पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय बच्चा घर पर अकेला था और यह खौफनाक कदम उसने स्कूल से लौटने के बाद उठाया।
ठियोग
पुलिस के अनुसार, मृतक बच्चा अपने दादा-दादी के साथ गांव में रहता था। गुरुवार को वह रोज की तरह शाम चार बजे स्कूल से घर लौटा। उस समय उसके दादा-दादी खेत में काम कर रहे थे। शाम करीब साढ़े पांच बजे जब बच्चा चाय लेकर खेत नहीं पहुंचा, तो दादी घर लौटीं और देखा कि पोता कमरे की छत पर चुन्नी के फंदे से झूल रहा था।
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ग्रामीणों ने की बचाने की कोशिश
दादा-दादी के शोर मचाने पर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और बच्चे को नीचे उतारा। ग्रामीणों ने छाती पर पंपिंग और सांस देने जैसे प्राथमिक उपचार किए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। बच्चे को तत्काल सिविल अस्पताल ठियोग पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शांत स्वभाव का था बच्चा
स्थानीय निवासी बीरबल पांडे ने बताया कि मृतक बच्चा नेपाली मूल के परिवार से था, जो पिछले 12 वर्षों से उनके यहां खेतीबाड़ी का काम कर रहा था। बच्चे के दादा-दादी उसे बहुत स्नेह से पालते थे। वह पांचवीं कक्षा में पढ़ता था और अपने शांत स्वभाव के लिए जाना जाता था। दुखद रूप से, उसने स्कूल का ट्रैक सूट भी नहीं बदला था और उसी में फंदा लगा लिया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और जांच
जानकारी के अनुसार, बच्चे की मां उसे तीन वर्ष की उम्र में छोड़कर चली गई थी, जबकि पिता मुंबई में काम करता है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा है और मामले की जांच जारी है। इस दर्दनाक घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
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