ऊना/वीरेंद्र बन्याल
फेशियल रिकग्निशन और मोबाइल पंजीकरण के बिना नहीं मिलेगा पोषाहार, लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी जरूरी
नई प्रणाली की शुरुआत और दिशा-निर्देश
महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार जिला ऊना में पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब बिना फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (एफआरएस) और मोबाइल नंबर पंजीकरण के पोषाहार नहीं मिलेगा। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बाल विकास परियोजना हरोली के वृत्त पंजावर के पर्यवेक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के उपरांत दी।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
सम्मान और तकनीकी सफलता
नरेंद्र कुमार ने बताया कि पर्यवेक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यह सम्मान मार्च 2025 माह में फेशियल रिकग्निशन सिस्टम शत-प्रतिशत पूरा करने पर दिया गया। जिले के 1364 आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण अब पूरी तरह ऑनलाइन पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से होगा।
फेस आईडी और ई-केवाईसी की अनिवार्यता
फेस आईडी सत्यापन के बिना किसी भी लाभार्थी को पोषाहार नहीं मिलेगा। 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को राशन प्राप्त करने के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम अनिवार्य रहेगा। सभी लाभार्थियों को ई-केवाईसी और मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराना आवश्यक होगा।
नई व्यवस्था से पारदर्शिता में बढ़ोतरी
जिला ऊना के आंगनवाड़ी केंद्रों में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और पोषाहार सही लाभार्थियों तक पहुंचेगा।
जिलावार प्रदर्शन और आंकड़े
नरेंद्र कुमार ने बताया कि मार्च माह में जिले की परियोजना अम्ब में वृत्त भैरा, परियोजना धुन्दला में वृत्त जसाना, परियोजना गग्रेट में वृत्त अम्बोटा, परियोजना हरोली में वृत्त पंजावर एवं परियोजना ऊना में वृत्त फतेहपुर में सर्वाधिक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम दर्ज किए गए हैं।
प्रगति का संकेत
उन्होंने बताया कि जिला ऊना में फेशियल रिकग्निशन सिस्टम की प्रतिशतता 13 से बढ़कर 90 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो तकनीकी प्रगति की दिशा में बड़ा कदम है।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group




