नाहन
डॉ. वाईएस परमार राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) द्वारा बीएससी प्रथम वर्ष के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए एक प्रभावशाली इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीएससी जीव विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान संकाय के 130 विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को महाविद्यालय की शैक्षणिक संरचना, प्रशासनिक व्यवस्था, सुविधाओं एवं सह-पाठ्यक्रमीय गतिविधियों से परिचित कराना एवं उन्हें आत्मविकास हेतु प्रेरित करना था।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विभव कुमार शुक्ला ने जापान की शिक्षा प्रणाली का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने, अनुशासित रहने एवं लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने की प्रेरणा दी। उन्होंने मोबाइल फोन के दुरुपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों को भी रेखांकित किया।
इस इंडक्शन कार्यक्रम का समुचित समन्वयन प्रो. रीना चौहान एवं उनकी IQAC टीम द्वारा किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रमीय गतिविधियों में भी सक्रिय सहभागिता करें, जिससे महाविद्यालय की नेक ग्रेडिंग एवं रैंकिंग में सकारात्मक योगदान हो। डॉ. जाहिद अली मलिक ने विद्यार्थियों को अनुशासन, रैगिंग विरोधी दिशा-निर्देशों एवं बीएससी पाठ्यक्रम में लागू चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने आंतरिक मूल्यांकन एवं सेमेस्टर-अंत परीक्षा की रूपरेखा समझाते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
उन्होंने नियमित रूप से महाविद्यालय की वेबसाइट देखने की सलाह दी, जहां पाठ्यक्रम, ई-सामग्री, नोटिस, सूचना एवं अन्य महत्वपूर्ण लिंक उपलब्ध हैं। डॉ. मलिक ने महाविद्यालय की विभिन्न छात्र इकाइयों एवं क्लबों की जानकारी दी। साथ ही छात्रवृत्ति योजनाओं जैसे केंद्रीय पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना, कल्पना चावला छात्रवृत्ति, इंदिरा गांधी उत्कृष्ट छात्रवृत्ति, इंस्पायर फेलोशिप तथा पुरातन छात्र संघ द्वारा दी जा रही सहायता योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
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