न्यायाधीश विशाल तिवारी की अदालत ने सुनाया फैसला,10,000 का लगाया जुर्माना भी
हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन:
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय संख्या 2, पांवटा साहिब के न्यायाधीश विशाल तिवारी की अदालत ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में घासी राम पुत्र स्व. वारू राम और सत्या देवी पुत्री शोभा राम निवासी ग्राम सालवाला, पो० ओ० गोरखुवाला, तहसील पांवटा साहिब को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 3-3 साल की कैद और ₹10,000 जुर्माने की सजा सुनाई है।
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अदालत ने स्पष्ट किया है कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला शिकायतकर्ता अक्षय सूद, सहायक आयुक्त विकास खंड पांवटा साहिब द्वारा 30 जून 2009 को पुलिस चौकी सिंहपुरा और थाना पांवटा साहिब में दर्ज करवाए गए मुकदमा नंबर 242/2009 से संबंधित है।
मुकदमे की जांच एएसआई कमल नैन द्वारा की गई थी। जांच और दस्तावेजों के अवलोकन पर पुलिस ने पाया कि आरोपी सत्या देवी की जन्मतिथि राजकीय प्राथमिक पाठशाला सालवाला के आयु प्रमाण पत्र, ग्राम पंचायत गोरखुवाला के परिवार रजिस्टर और ग्राम पंचायत खोदरी के परिवार रजिस्टर के अनुसार 20 दिसंबर 1966 दर्ज थी।
हालांकि, ग्राम पंचायत डोबरी सालवाला के पूर्व प्रधान आरोपी घासी राम ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत आदेश जारी किए, जिसके परिणामस्वरूप आरोपी सत्या देवी की जन्मतिथि 20 नवंबर 1966 के स्थान पर 04 अप्रैल 1970 दर्ज कर ली गई। इस मामले में थाना पांवटा साहिब में धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा या वसीयत की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना) और 120 (B) (आपराधिक षड्यंत्र) भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस ने जांच के बाद चालान तैयार कर अदालत में पेश किया, जहां 18 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। जुर्म सिद्ध होने पर अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई है। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए कारागार भेज दिया गया है।इस महत्वपूर्ण मुकदमे की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने की।
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