पुरानी पंचायतों में ही बजेंगे चुनाव के बिगुल, नई पंचायतों के चुनाव टले
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला:
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूचियों को तैयार करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य चुनाव आयोग ने सभी पंचायत सचिवों को निर्देश दिए हैं कि उन्हें हर एक पंचायत की ग्राम सभा में उपस्थित रहना होगा।
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यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अक्सर एक सचिव के पास दो से तीन पंचायतों की जिम्मेदारी होती है, जिससे वे सभी ग्राम सभाओं में नहीं पहुँच पाते। अब दिसंबर में होने वाले चुनावों के लिए मतदाता सूचियों को सही करना ज़रूरी है।
पंचायत सचिव ही जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखते हैं, इसलिए उनकी मौजूदगी में ही मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।20 से 26 सितंबर तक पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी।
इन बैठकों में जिलाधीशों के माध्यम से तैयार की गई मतदाता सूची को लोगों के सामने रखा जाएगा ताकि नामों को अंतिम रूप दिया जा सके।प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधानसभा में एक संशोधित विधेयक पारित किया है, जिसके तहत नई बनी पंचायतों और नए शहरी निकायों के चुनाव को दो साल के लिए टाल दिया गया है।
फिलहाल, सिर्फ पुरानी पंचायतों में ही तय शेड्यूल के अनुसार चुनाव होंगे। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहरी निकायों के चुनाव भी होने हैं, लेकिन यहाँ भी नए शहरी निकायों में चुनाव नहीं होंगे।
पुराने शहरी निकायों में भी चुनाव टाल दिए गए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने कमिटी सदस्यों और अधिकृत व्यक्तियों से मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें आयोजित करने को कहा है।
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