HNN/शिलाई
सिरमौर जिले के जनजातीय क्षेत्र हाटी की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बिशु मेले शुरू हो गए हैं। बिशु मेल समूचे गिरिपार क्षेत्र में आयोजित होते हैं। बिशु मेले बैसाखी की संक्रांति से शुरू होते हैं और लगभग 1 महीने तक चलते हैं। इसी कड़ी में शिलाई क्षेत्र के दूरदराज हरिपुरधार में भी नैना देवी को समर्पित बिशु मेला आयोजित हुआ।
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सिरमौर जिले का गिरीपार क्षेत्र आजकल उल्लास में डूबा हुआ है। यहां पहाड़ी क्षेत्रों में हर तरफ बिशु मेले आयोजित हो रहे हैं। मेलों में बड़ी संख्या में आसपास के लोग पहुंच रहे हैं। बिशु मेले हाटी क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक की पहचान के साथ साथ यह मेल क्षेत्र के लोगों की आस्था से भी जुड़े हुए हैं।
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मेले में जहां लोग अपनी जरूरत की सामान की खरीदारी करते हैं, वहीं जमकर नाच गाना भी होता है। लोग मिठाइयों का आनंद लेते हैं। साथ ही देव पालकियों और मंदिरों में दर्शन करना नहीं भूलते। यह तस्वीर हरिपुरधार में आयोजित हुए बिशु मेले की हैं।
हरिपुरधार का बिशू मेला माता नैना देवी को समर्पित रहता है। यहां माता नैना देवी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को शुभाशीष प्रदान करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बिशु मेलों में देवी देवताओं को लाना अनिवार्य होता है।
माना जाता है कि फसलों की कटाई से पहले देवी देवताओं का आशीर्वाद से क्षेत्र में खुशहाली बनी रहती है और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा होती है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह मान्यताएं आज भी जीवंत हैं। यही कारण है कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रसार के इस दौर में भी यहां लोगों ने प्राचीन परंपराओं और मान्यताओं को जीवंत रखा है।
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