डॉ प्रियंका ठाकुर ने गाजर घास को बताया खतरनाक खरपतवार
हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन
क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं में शनिवार को पार्थेनियम (गाजर घास) दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गाजर घास नामक हानिकारक खरपतवार के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना और इसके नियंत्रण के उपाय बताना था।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र की सह निदेशक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने बताया कि गाजर घास जिसे पार्थेनियम भी कहते हैं, एक अत्यंत खतरनाक खरपतवार है। यह पौधा मूल रूप से अमेरिका से आया है और अब पूरे भारत में तेजी से फैल चुका है।
यह न केवल फसलों के लिए नुकसानदायक है, बल्कि मनुष्यों और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।इस मौके पर सहायक प्राध्यापिका डॉ. शिल्पा ने गाजर घास को नियंत्रित करने के जैविक और यांत्रिक तरीकों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने वेरोनिया जैसी जैविक विधियों और इसके उन्मूलन में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर भी जोर दिया।कार्यक्रम में सह निदेशक डॉ. प्रियंका ठाकुर, सहायक प्राध्यापिका डॉ. शिल्पा, यंग प्रोफेशनल-II डॉ. सिमरन कश्यप, कार्यालय कर्मचारी और फील्ड स्टाफ ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर केंद्र परिसर से गाजर घास को हटाने का अभियान चलाया और इस हानिकारक खरपतवार के प्रति जागरूकता फैलाने की शपथ ली।
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