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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला1,169 करोड़ की लागत से बढ़ेगा रेल नेटवर्क, चार मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी

Shailesh Saini | 1 अगस्त 2025 at 7:12 am

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हिमाचल नाऊ न्यूज़ नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने देश के रेल नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की चार मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।

इन परियोजनाओं पर कुल 11,169 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इनसे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर का इजाफा होगा।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड जैसे 6 राज्यों के 13 जिलों को कवर करेंगी। इससे 2,309 गाँवों के लगभग 43 लाख लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।

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मंजूर की गई प्रमुख परियोजनाएं: *

इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन: यह परियोजना दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-हावड़ा को जोड़ने वाले उच्च घनत्व वाले गलियारे पर बनेगी। यह चारों दिशाओं का मिलन बिंदु है, जिससे माल ढुलाई और यात्री परिवहन की क्षमता बढ़ेगी।

* अलुआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन

* छत्रपति संभाजीनगर-परभणी डबलिंग

* बंगापोसी-जरौली तीसरी और चौथी लाइनइन परियोजनाओं से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, और फ्लाई ऐश जैसे महत्वपूर्ण सामानों की ढुलाई भी तेज और सुगम हो जाएगी।

सहकारिता क्षेत्र को मिली नई ताकत,

एनसीडीसी को 2,000 करोड़ का अनुदानकेंद्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भी एक बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने ‘राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को अनुदान सहायता’ नामक केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को अगले चार वर्षों (2025-26 से 2028-29) के लिए 2,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस अनुदान से एनसीडीसी खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये तक की राशि जुटा सकेगा। इस फंड का इस्तेमाल सहकारी समितियों को ऋण देने के लिए किया जाएगा। इससे 13,288 सहकारी समितियों के करीब 29 करोड़ सदस्यों को लाभ मिलने की संभावना है।

इन समितियों में डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, चीनी, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण और महिला-नेतृत्व वाली सहकारिताएं शामिल हैं। यह कदम सहकारिता आंदोलन को नई गति और किसानों तथा छोटे उद्यमियों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा।

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