मानसून में बार-बार टूट रहे एनएच-154ए के संवेदनशील हिस्सों की मरम्मत के लिए केंद्र ने 93 करोड़ से अधिक राशि को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के बाद यह स्वीकृति सड़क सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को मजबूत करेगी।
शिमला
राज्य सरकार के प्रयासों का बड़ा परिणाम
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि मानसून आपदा के बाद चंबा जिले में हुए भारी नुकसान का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई थी। उन्होंने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर प्रशासन और तकनीकी अधिकारियों से स्थिति की गंभीरता पर चर्चा की थी। लगातार फॉलो-अप के बाद केंद्र ने तटबंध मरम्मत के प्रस्ताव को तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति दे दी।
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चक्की-बनीखेत-चंबा-भरमौर मार्ग को मिलेगी दीर्घकालिक मजबूती
यह स्वीकृति एनएच-154ए के सबसे संवेदनशील हिस्सों—चक्की से भरमौर तक—के तटबंधों की विशेष मरम्मत के लिए है। परियोजना के तहत वर्ष 2025–26 में 30% कार्य और 2026–27 में शत-प्रतिशत कार्य पूरा किया जाएगा। इसके बाद वर्ष 2031–32 तक नियमित रखरखाव का प्रावधान रखा गया है, जिससे सड़क को लंबे समय तक सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
बार-बार धंसने वाली सड़क अब होगी सुरक्षित
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर्यटन, व्यापार और स्थानीय लोगों के दैनिक आवागमन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। तटबंध मजबूत होने से बरसात में सड़क धंसने और मार्ग बंद होने की घटनाएं कम होंगी, जिससे जरूरी सेवाएं और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी।
केंद्र–राज्य समन्वय का सफल मॉडल
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय हिमाचल में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अन्य संवेदनशील राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भी राज्य सरकार इसी प्रकार की स्वीकृतियों के लिए प्रयासरत है। परियोजना के लिए शिमला स्थित क्षेत्रीय अधिकारी को आहरण एवं वितरण अधिकारी नियुक्त किया गया है और सभी कार्य मंत्रालय के तकनीकी दिशा-निर्देशों के अनुरूप होंगे।
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