पीएनबी ढालपुर शाखा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों के केसीसी ऋण मंजूर करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन आरोपियों को सजा सुनाई है। दोषियों पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और न चुकाने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
कुल्लू
कोर्ट ने सुनाया कड़ा फैसला
सीबीआई विशेष न्यायाधीश डॉ. परविंदर सिंह अरोड़ा ने पूर्व शाखा प्रबंधक अमर सिंह बोध, ताशी फुंचोग और दौलत राम को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई। अमर सिंह बोध पर 45 हजार रुपये जबकि अन्य दोनों पर कुल 1.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह मामला 11 अप्रैल 2015 को सीबीआई एसीबी शिमला द्वारा दर्ज किया गया था।
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फर्जी दस्तावेजों से बांटे गए लोन
आरोप था कि 2010 से 2012 के बीच इन आरोपियों ने 41 फसल ऋण (केसीसी) फर्जी राजस्व दस्तावेज और गैर-भार प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत कर 1.83 करोड़ रुपये वितरित किए। दौलत राम के नाम पर जारी कई ऋणों में उसकी तस्वीर तो थी, लेकिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किसी और के थे। नकली जमाबंदी, जाली चार्ज सृजन रिपोर्ट और फर्जी अनुसूची घोषणा पत्र भी मामले का हिस्सा थे।
ऑडिट में खुला घोटाला
यह घोटाला बैंक ऑडिट के दौरान उजागर हुआ। जांच में सामने आया कि भूमि स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज गलत थे और आरोपियों ने तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक को भी गुमराह किया। इससे पहले भी अमर सिंह बोध व अन्य सहयोगियों को ऐसे ही मामलों में सजा मिल चुकी है, जबकि 38 और चार्जशीट पर फैसले आना बाकी हैं।
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