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काला अंब में डच फॉर्मूलेशन में राज्य कर एवं आबकारी विभाग की छापेमारी

Published ByPRIYANKA THAKUR Date Feb 4, 2022

HNN / काला अंब

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए जहरीली शराब कांड के बाद सरकार और विभाग का एक्शन मोड लगातार जारी है। तेजतर्रार अधिकारियों की टीम कड़ी दर कड़ी परत दर परत गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट से लेकर हमीरपुर के अवैध शराब कारखाने से तार जोड़ते हुए लगातार छापेमारियां कर रहे हैं। 24 और 25 जनवरी को पालमपुर में विभाग के कमिश्नर यूनुस खान द्वारा सेंट्रल जोन ज्वाइंट कमिश्नर उज्जवल राणा को पालमपुर भेजा था। उज्जवल राणा के द्वारा पालमपुर में की गई कार्रवाई के बाद जो इनपुट मिले वह औद्योगिक क्षेत्र काला अंब की ओर भी इशारा कर रहे थे।

चूंकि विभाग को काला अंब यानी सिरमौर राज्य कर एवं आबकारी विभाग की टीम से भी बड़े अच्छे इनपुट मिल चुके थे। जिसके बाद कमिश्नर यूनुस खान ने मंडी सेंट्रल जोन के ज्वाइंट कमिश्नर उज्जवल राणा की अध्यक्षता में एक टीम का गठन कर बीते कल यानी वीरवार को सिरमौर भेज दी। इस टीम में विभाग के सबसे तेज तर्रार और काबिल अधिकारियों को चुना गया। जिसमें सहायक आयुक्त अविनाश चौहान, एसी परवाणू सचिन, ए एस टी ओ परवाणू रूपेंद्र, फ्लाइंग स्कॉट के भूपेंद्र, एसी घुमारवीं शिल्पा, एसी अरविंद शर्मा बंगाना, ए एस टी ओ मनोज सहगल, एस टी ओ अनिल डोगरा सहित नौ सदस्यों की टीम गठित की गई।

शुक्रवार को टीम ने सुबह ही काला अंब में धावा बोल दिया। हालांकि जिस जगह यह कार्रवाई की जा रही थी उन कथित शातिर फर्मों के द्वारा टीम को गच्चा देने की बड़ी कोशिश की गई। मगर टीम की पैनी नजर और जुटाए गए साक्ष्य और जानकारियों के अनुसार कथित डेनिश लैब और डच फॉर्मूलेशन के काले कारोबार का पर्दाफाश हो गया। जिसमें पता चला कि काला अंब में डच फॉर्मूलेशन के ऑनलाइन डाटा में ई वे बिलो (जीएसटी) यूनिट के द्वारा वर्ष 2020 21 में 8 दशमलव 6 करोड में की परचेंज की गई । यही नहीं इसमें 4 दशमलव 77 करोड़ की सेल भी दर्शाई गई। टीम ने पाया कि इस में अंतर करोड़ रुपए आया। जबकि इसका कोई भी स्टॉक परिसर में पाया नहीं गया।

जांच में पता चला कि इसी फर्म की एक और फर्म डेनिश लैब के नाम से अंबाला में है। टीम के द्वारा इसके ई वे बिल भी चेक किए गए। पता चला कि इन बिलों के माध्यम से सीएमओ धर्मशाला को चार खेप सैनिटाइजर की 2021 के नवंबर दिसंबर में भेजी है। यही नहीं इस फर्म के द्वारा राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भी तीन खेप सैनिटाइजर भेजे गए हैं। जिनकी कुल कीमत 51 लाख रुपए बनती है। तो वहीं यह भी बता दें कि इन्हीं की दूसरी डच फॉर्मूलेशन काला अंब के द्वारा पपरोला मेडिकल कॉलेज को 7.50 लाख रुपए के सैनिटाइजर भेजे दिखाए गए हैं। अब आप जानकर यह भी हैरान हो जाएंगे कि टीम ने जब उनसे इसका रिकॉर्ड मांगा तो वह रिकॉर्ड दिखा नहीं सके।

मगर क्रॉस जांच करने के लिए अधिकारियों के द्वारा सीएमओ धर्मशाला और पपरोला मेडिकल कॉलेज में संपर्क साधा गया। टीम के उस समय होश उड़ गए जब पता चला कि वहां कोई सैनिटाइजर की खेप गई ही नहीं थी । इस पर गठित टीम का शक और गहरा गया। क्योंकि दोनों स्थानों के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि ना तो उनके द्वारा कोई सैनिटाइजर मंगाए गए और ना ही किसी प्रकार का आर्डर दिया गया था। जांच में पाया कि इन फर्म के व्यापारीकि ई एन ए का कारोबार भी करते हैं। जिनके द्वारा करीब 58.50 लाख रुपए की अवैध सप्लाई करी है। जिससे करीब 1 लाख बल्क लीटर ईएन ए खरीदा जा सकता है।

ज्वाइंट कमिश्नर उज्जवल राणा के अनुसार इस स्पिरिट द्वारा 37 से 40000 पेटी शराब की बनाई जा सकती है। मामले को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर के द्वारा नाहन जीएसटी भवन में प्रेस वार्ता भी की गई। जिसमें उन्होंने माना कि इस फर्म के तार गलू जहरीली अथवा अवैध शराब कांड से जुड़े हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जांच जारी है मगर जितने तथ्य और सबूत मौके पर मिले हैं उनको आधार मानते हुए काला अंब थाने में एफ आई आर भी लॉज करा दी गई है।

तो वही इस बड़ी सफलता को लेकर कमिश्नर आबकारी विभाग तथा उप आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग जिला सिरमौर प्रितपाल सिंह के द्वारा टीम को बधाई भी दी गई। गौरतलब हो कि प्रितपाल सिंह और उनकी टीम के द्वारा भी इससे पहले पांवटा साहिब में एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए कई हजार लीटर अवैध मैंने बरामद किया गया था।

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