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ऑक्सीजन की कमी के चलते बे-मौत मारी गई रानीताल तालाब की मछलियां

PRIYANKA THAKUR | Jul 1, 2022 at 2:33 pm

ठेकेदार को लगा लाखों रुपए का चूना, नहीं है तालाब में एक भी फाउंटेन

HNN / नाहन

नाहन शहर के ऐतिहासिक तालाब रानीताल और पक्का टैंक की सैकड़ों मछलियां बेमौत मारी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मछलियों की मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है। मछलियों के मारे जाने से ठेकेदार को लाखों रुपए का चूना लग गया है। बताया जा रहा है कि करीब 3 क्विंटल के आस पास मछलियां मारी गई है। हालांकि यह दोनों तालाब नाहन नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में है। मगर मछलियों का ठेका ठेकेदार मोहम्मद साबिर को दिया हुआ है। ठेकेदार के द्वारा मछलियों की देखरेख के लिए तालाब में सिल्वर कार्प मछलियां भी डाली गई थी।

यही नहीं समय-समय पर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से काई के निस्तारण हेतु चूना डाला जाता था। बावजूद इसके ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियां मारी गई हैं। फिशरीज एक्सपर्ट की राय के अनुसार तालाब में पानी की निकासी के साथ-साथ फाउंटेन होना भी बहुत जरूरी है। मगर नगर परिषद के द्वारा यह दोनों व्यवस्थाएं तालाब में नहीं की गई हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि फाउंटेन के लगातार चलने से खड़े पानी के तालाब को ऑक्सीजन मिलती रहती है। ऐसे में यदि फाउंटेन और पानी की निकासी नहीं होती है तो खासतौर से गर्मी और बादल आने पर तालाब में गैस पैदा होती है।

जिसका सीधा असर ऑक्सीजन की कमी पर पड़ता है। वहीं दूसरी बड़ी वजह फीड फर्टिलाइजेशन को माना जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि लोग मछलियों को खाने पीने की चीजें आदि ज्यादा मात्रा में डालते हैं तो तालाब में फर्टिलाइजेशन ज्यादा होता है। फीड फर्टिलाइजेशन भी ऑक्सीजन कमी का बड़ा कारण बनता है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह मछलियां ना केवल इन दोनों तालाबों की मरी है बल्कि पांवटा साहिब के सरकारी फिशरी फॉर्म सहित कई निजी फिश पोंड में भी मछलियों के मारे जाने का समाचार मिला है।

ठेकेदार के द्वारा इन दोनों तालाबों का ठेका बड़े महंगे दामों में लिया गया था। दुर्भाग्य की विडंबना यह रही कि मारी गई मछलियां मार्केट में बेची भी नहीं जा सकती थी। ठेकेदार ने बताया कि अधिकतर मछलियां बुरी तरह सड़ गई थी जिसके कारण उन्हें बेचा नहीं जा सकता। ठेकेदार ने बताया कि तमाम मारी गई मछलियों को गड्ढा खोदकर दफनाया जाएगा। बरहाल, दोनों तालाब में पाली गई मछलियां जहां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनती हैं वही तालाबों के उचित रखरखाव ना होने के चलते इनका खामियाजा मेजबान मछलियों सहित महंगे दामों पर लिए गए ठेके के चलते ठेकेदार को उठाना पड़ता है।

वही नाहन नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर का कहना है कि तालाब में मछली पाले जाने को लेकर आने वाले समय में फिशरी विभाग की राय भी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर परिषद के द्वारा शहर के तमाम तालाबों की समय-समय पर सफाई आदि मुकम्मल तौर पर की जाती है।

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