निजीकरण और छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला:
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय वैचारिक प्रशिक्षण शिविर आज विश्वविद्यालय में शुरू हो गया है।इस शिविर में अगले तीन दिनों तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा शिक्षा के निजीकरण और छात्रों के अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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एसएफआई ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार छात्र विरोधी निर्णय ले रही है, जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।
संगठन ने कहा कि सरकार को सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को मजबूत करना चाहिए था, लेकिन वह निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और प्राइमरी स्कूलों को बंद कर रही है। इसके अलावा, नई शिक्षा नीति को कॉलेजों में थोपा जा रहा है।
शिविर में प्रदेश सरकार के खिलाफ आने वाले समय में छात्रों के जनवादी अधिकारों, छात्र संघ चुनावों की बहाली, कॉलेजों में पीटीए फंड के नाम पर मनमानी वसूली और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति के लिए आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।
प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन एसएफआई के पूर्व राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा कि समाज का विकास संघर्षों से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी देश आज भी अपनी नीतियां थोप रहे हैं और एसएफआई को वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते हुए इन नीतियों के खिलाफ मजबूती से लड़ना होगा।
इस अवसर पर एसएफआई के राज्य अध्यक्ष अनिल ठाकुर और राज्य सचिव दिनित डेंटा भी मौजूद रहे।
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