उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हरोली के रोड़ा क्षेत्र में 6.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहे प्रदेश के पहले सेंसर-आधारित ड्राइविंग ट्रेनिंग ट्रैक एवं ट्रैफिक पार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य की गति बढ़ाने और गुणवत्ता मानकों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण पर जोर
निरीक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री ने निर्माण एजेंसी तथा विभागीय अधिकारियों से कहा कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे किए जाएं और गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यह ट्रैफिक पार्क न केवल हरोली, बल्कि पूरे प्रदेश में एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा और सड़क सुरक्षा प्रयासों में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश का पहला सेंसर-आधारित अत्याधुनिक ट्रैफिक पार्क
यह ट्रैफिक पार्क आधुनिक तकनीक से युक्त होगा जिसमें लाइसेंस ट्रायल के लिए ऑटोमेटेड सेंसर सिस्टम, वाहन पासिंग और फिटनेस जांच के लिए स्मार्ट सुविधाएँ, सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए डिजिटल मॉड्यूल तथा यातायात जागरूकता के लिए समर्पित जोन शामिल होंगे। यहां ड्राइवरों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुरक्षित ड्राइविंग और ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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लाइसेंसिंग प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता और गति
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सेंसर-आधारित प्रणाली से लाइसेंस प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, त्वरित और पूर्णत: निष्पक्ष होगी। वाहन फिटनेस जांच भी बेहतर होगी, जिससे सड़क सुरक्षा और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि हरोली क्षेत्र विकास की नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और यह परियोजना युवाओं को प्रशिक्षण व रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।
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