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आउटसोर्स कर्मचारियों की नीति बदलेगी, विधवा बहनों को नौकरी और डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की तैयारी

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सरकार जलशक्ति के जरिए गांवों में साफ पानी की व्यवस्था करेगी, सिविल इंजीनियरों को अन्य विभागों में भेजे जाने पर भी विचार

आउटसोर्सिंग व्यवस्था में बदलाव, विधवाओं और आश्रितों को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य विधानसभा में घोषणा की कि सरकार जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नई नीति लाएगी, जिससे उनकी सेवा स्थितियों में सुधार हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि करूणामूलक आधार पर नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे आश्रितों को रोजगार देने के लिए एक प्रभावी योजना एक महीने के भीतर लागू की जाएगी। विशेषकर विधवा महिलाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी, जल्द खुलेंगे डे-बोर्डिंग स्कूल

मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि राज्य में 10 डे-बोर्डिंग स्कूल जल्द चालू किए जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों का युक्तिकरण किया जाएगा, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि कम जनसंख्या वाले राज्य में पांच विश्वविद्यालयों की आवश्यकता पर पुनर्विचार किया जाएगा और कॉलेजों की व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।


विधायकों की निधि में वृद्धि और पर्यटन विस्तार की घोषणा

मुख्यमंत्री ने विधायक निधि को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा की। साथ ही रेणुका क्षेत्र को पर्यटन की मुख्य योजनाओं में शामिल किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।


सरकारी विभागों में युक्तिकरण, बिजली बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग में बदलाव की तैयारी

सीएम सुक्खू ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन देने की दिशा में सरकार गंभीरता से काम कर रही है, लेकिन पहले विभागीय सुधार जरूरी हैं। चूंकि कई विभागों में अनावश्यक पद हैं, इसलिए सिविल इंजीनियरों को अन्य विभागों में तैनात किया जा सकता है। इसी प्रकार स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में भी आवश्यकतानुसार मानव संसाधन का पुनर्गठन किया जाएगा।


ग्रामीण इलाकों को मिलेगा शुद्ध पानी, पंचायतों को मिलेगा अधिकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने के लिए जलशक्ति विभाग के तहत विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। पंचायतों को पानी के बिल वसूलने का अधिकार दिया जाएगा, जिससे वे अपनी आमदनी से स्थानीय विकास में योगदान दे सकें। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में पानी की गुणवत्ता सुधारी जाएगी।


विधानसभा में स्पीकर से नाराज हुए सीएम, अध्यक्ष ने किया खंडन

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के अंत में विधानसभा अध्यक्ष पर यह कहते हुए नाराजगी जताई कि विपक्ष को अधिक समय और सत्तापक्ष को कम बोलने का अवसर मिलता है। इस पर अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने स्पष्ट किया कि वे सभी विधायकों को बराबर मौका देने की कोशिश करते हैं और यह कहना तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।

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