गुर्जर आंदोलन से जुड़े भाजपा पदाधिकारियों ने दिए इस्तीफे
HNN / नाहन
भाजपा की डबल इंजन सरकार ना तो जनजातीय के मुद्दे पर गिरी पार क्षेत्र को खुश कर सकी और ना ही गुर्जरों की मांग पर उन्हें कोई समर्थन दिया। जिसको लेकर ना केवल गिरी पार के बुद्धिजीवी हाटी बल्कि एसटी कोटे में अलग से रिजर्वेशन की मांग कर रहे हैं गुर्जर भी भाजपा के खिलाफ हो गए हैं।
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शुक्रवार को नाहन के पालियों में गुर्जर समाज की आपात बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश भाजपा एसटी मोर्चा के महासचिव हंसराज भाटिया के द्वारा की गई।
चुनावी आचार संहिता के बाद गुर्जर समाज के द्वारा सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए आपात बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में डेढ़ सौ से अधिक आंदोलन से जुड़े गुर्जरों ने हिस्सा लिया। गुर्जर समाज के अधिकतर लोगों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी किए जाने को लेकर आर पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय ले लिया है। वही भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने साफ शब्दों में कहा कि आज मेरी बिरादरी को जहां मेरी ज्यादा जरूरत है ऐसे में मैं पार्टी और सरकार से ज्यादा अपनी बिरादरी को महत्व दूंगा।
उनके द्वारा लिए गए निर्णय के बाद उन्होंने भाजपा प्रदेश एसटी मोर्चा के सचिव पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। हंसराज के भाजपा के पद से इस्तीफे दिए जाने के बाद भाजपा से जुड़े तमाम पदाधिकारियों ने अपने अपने पदों से इस्तीफे देने शुरू कर दिए।
यही नहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस का भी उन्हें समर्थन ना मिलने के बाद गुर्जर समाज का गुस्सा कांग्रेस के प्रति भी उतरा। गुर्जर आंदोलन से जुड़े कांग्रेसी पदाधिकारियों ने भी अपने अपने पदों से इस्तीफे देने का ऐलान कर दिया। भाजपा की ओर से बर्मा पापड़ी पंचायत के बूथ अध्यक्ष रामकरण एसटी मोर्चा मंडल सचिव कर्नल, भाजपा एसटी मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद अध्यक्ष यशपाल उर्फ़ पालू ने भी अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
वही कौंला वालाभूंड की पंचायत प्रधान व गुर्जर महिला मोर्चा की अध्यक्ष रितु चौधरी ने भी भाजपा के अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। कांग्रेस की ओर से नवीन जोकि यूथ कांग्रेस में पदाधिकारी था उन्होंने बलदेव कांग्रेस मंडल सचिव सहित तमाम भाजपा और कांग्रेस से जुड़े गुर्जरों ने अपनी-अपनी पार्टी के पदों से इस्तीफे देने का ऐलान कर दिया।
गुर्जरों का यह भी कहना है कि जवाबदेही सत्तापक्ष की होती है लिहाजा उनकी अधिक नाराजगी डबल इंजन वाली भाजपा सरकार से हैं। गुर्जर आंदोलन से जुड़े अन्य कई पदाधिकारियों ने स्पष्ट रूप से सरकार को चेता दिया है कि जिस तरीके से उन्होंने उनकी मांगों की अनदेखी की है इसको लेकर 2022 के विधानसभा चुनाव में वे परिणाम भुगतने को भी तैयार रहें।
वही यशपाल ,कर्नैल ,रामकरण आदि ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने हाटी भाइयों का और उनकी मांग का बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा की गिरी पार के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी है और अपने अधिकारियों की मांग करना कोई गलत नहीं है। इस पर हंसराज भाटिया ने यह कहा कि हमने सरकार से एसटी कोटे में अलग से आरक्षण की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा गुर्जरों के हितों की अनदेखी करते हुए जो यह घोषणा की है वे इसका कड़ा विरोध करते हैं।
बरहाल महंगाई के साथ जहां बेरोजगारी भ्रष्टाचार ओ पी एस जैसे कई मुद्दों पर भाजपा बैकफुट पर जा रही है वही अलग से आरक्षण कोटे की मांग कर रहे गुर्जरों के आंदोलन ने सरकार के कोढ में खाज पैदा कर दी है।
गुर्जर कल्याण परिषद के जिला सिरमौर अध्यक्ष हंसराज ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि आज की बैठक में भाजपा और कांग्रेस समर्थित पदाधिकारियों ने अपने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं।
वही बड़ा सवाल यह भी पैदा हो गया है कि जिला सिरमौर से 5 सीट जीतने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ऐसा ना हो कि कहीं एक ही सीट पर सिमट कर रह जाए।
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