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हिमालय की बर्फीली चोटियों में स्थित किन्नर कैलाश यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू

HNN/ किन्नौर

भगवान शिव की तपोस्थली किन्नौर के बौद्ध लोगों और हिंदू भक्तों की आस्था का केंद्र किन्नर कैलाश समुद्र तल से 24 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। हर वर्ष सैकड़ों शिव भक्त जुलाई व अगस्त में जंगल व खतरनाक दुर्गम मार्ग से होकर किन्नर कैलाश पहुँचते हैं। इस साल किन्नर कैलाश यात्रा एक बार फिर से शुरू हो रही है। दो साल कोरोना के चलते यह यात्रा बंद रही। अब हालत सामान्य होने के बाद इसे फिर से शुरू किया जा रहा है।

पहली से 15 अगस्त तक आयोजित हो रही किन्नर कैलाश यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। उपमंडलाधिकारी कल्पा एवं जिला पर्यटन अधिकारी डा. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि इच्छुक श्रद्धालु पंजीकरण करवा सकते हैं। एक दिन में केवल 75 लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति रहेगी। 60 श्रद्धालुओं का पंजीकरण ऑनलाइन व 15 का मौके पर प्रपत्र के माध्यम से होगा। बता दें कि किन्नर कैलाश की चढ़ाई बेहद मुश्किल है।

यहां 14 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक के आस-पास बर्फीली चोटियां हैं। बता दें कि किन्नर कैलाश हिमाचल के किन्नौर जिले में है। यहां पर एक शिवलिंग (शिला) है, जो 79 फीट का है। इसके आस-पास बर्फीले पहाड़ों की चोटियां हैं। अत्यधिक ऊंचाई के कारण किन्नर कैलाश शिवलिंग बादलों से घिरा रहता है। ये हिमाचल के दुर्गम स्थान पर है, इसलिए यहां पर ज्यादा लोग दर्शन के लिए नहीं आते हैं। शिवलिंग का आकार त्रिशूल जैसा लगता है।


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