844 मीटर की होगी डैम की चौड़ाई तथा ऊंचाई 178 मीटर की ड्राइंग लगभग फाइनल
HNN News नाहन
बहुउद्देशीय राष्ट्र हित परियोजना श्री रेणुका जी बांध के निर्माण पर “रॉक फिल” किस्म को अंतिम मंजूरी दे दी गई है। यानी अब यह बांध कंक्रीट बेस नहीं बल्कि मिट्टी और पत्थरों आदि से भरकर बनाया जाएगा।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड जो कि इस रेणुका बांध का निर्माण करेगी उनके तकनीकी विंग के द्वारा यह निर्णय अंतिम रूप से ले लिया गया है। इसके पीछे केंद्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ-साथ एचपीपीसीएल की कई महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद मिट्टी और पहाड़ों की जूलॉजिकल स्थिति को परखा गया है।
विभागीय सूत्रों की माने तो डैंम साइट की मिट्टी और पहाड़ियों काफी कमजोर है। ऐसे में कंक्रीट बेस बांध बनाया जाना जोखिम भरा माना जाता है। कमजोर मिट्टी के चलते कंक्रीट बेस बांध का वजन काफी ज्यादा होता है जबकि रॉक फिल बेस बांध लचीला और कंक्रीट से काफी हल्का होता है। अब यह पूरा बांध कैसा होगा इसकी ड्राइंग वगैरह को लेकर पिछले 3 महीनों से कॉरपोरेशन कदमताल में लगा हुआ है।
अब आपकों यहां यह भी बता दें कि जो यह रॉक फिल बेस बांध बनेगा इसकी नीचे से चौड़ाई 844 मीटर तथा टॉप 12 मी. चौड़ा का होगा। इसकी नदी से हाइट 148 मीटर फाइनल की गई है जबकि नदी के नीचे गहराई को 30 मीटर रखा गया है। यानी इस बांध की नदी के नीचे से लेकर ऊपर तक कुल ऊंचाई 178 मीटर होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बांध के निर्माण में जो रॉक फिल मटेरियल होगा उसकी 70 फ़ीसदी आपूर्ति की जाने वाली खुदाई से ही पूरी हो जाएगी। पहले यह माना जा रहा था कि यह डैम कंक्रीट बेस होगा मगर मिट्टी और पहाड़ियों की जूलॉजिकल रिपोर्ट अच्छी ना आने के कारण इसे रॉक फिल बनाया जाना तय हुआ है।
अब यदि सुरक्षा के नजरिए से इस रॉक फिल बांध की बात की जाए तो यह 9 मेग्नीट्यूड तक भूकंप को झेल सकने में सक्षम होगा। यह बांध लगभग टिहरी डैम जैसा होगा। टिहरी डैम भी रॉक फिल बेस है और जो जूलॉजिकल आधार पर उस डैम की भूकंप सहनशक्ति 10 मेग्नीट्यूड तक की आंकी गई है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो यह एक आर्टिफिशियल पहाड़ होगा जिसका टूट पाना या इसे तोड़ पाना असंभव ही होगा। 6 सितंबर को भारत सरकार जल शक्ति विभाग के सचिव के साथ हुई वर्चुअल बैठक में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को लगभग लगभग ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। मृदा आदि की रिपोर्ट के बाद और जो ड्राइंग को अंतिम रूप दिया जा रहा है उसके बाद माना जा सकता है कि जनवरी माह में बांध के निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो सकता है।
अब देखना यह भी होगा कि सबसे पहले नदी का रुख मोड़ने के लिए सुरंग के निर्माण का पहला टेंडर लगेगा या फिर और जो पूरे रेणुका बांध के निर्माण का टेंडर लगेगा। यहां यह भी बता दें कि बनाए जा रही ड्राइंग में कर्मचारियों के लिए कॉलोनी वर्कशॉप और स्टोन क्रशर सहित अन्य मूलभूत प्लेटफॉर्म कहां और कैसे बनाए जाने हैं इसको भी लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है
उधर, एचपीपीसीएल के अधिशासी अभियंता प्रदीप मेहरा ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि अंतिम रूप से यह फाइनल कर दिया गया है कि श्री रेणुका जी बांध अब कंक्रीट बेस नहीं बल्कि रॉकफील बेस होगा। उन्होंने बताया कि इसकी ऊंचाई नदी के नीचे से ऊपर तक 178 मीटर होगी चौड़ाई 844 मी. आधार पर तथा टॉप पर यह 12 मीटर चौड़ा होगा।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group