माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने फर्जी आईजी वाले मामले में खारिज कर दी FIR
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला
काला आम के एक उद्योगपति के द्वारा फर्जी आईजी बनकर विनय अग्रवाल के खिलाफ दर्ज कराई गई FIR को फर्जी और निराधार बताते हुए माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा खारिज कर दिया गया है।
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माननीय उच्च न्यायालय ने उद्योगपति के द्वारा जो आरोप विनय अग्रवाल पर लगाए थे उन सबको निराधार और तथ्यों से परे बताया गया है। ऐसे में काला आम का यह चर्चित उद्योगपति एक बार फिर उद्योग जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
जानकारी तो यह भी है कि काला अंब का यह उद्योगपति अक्सर विवादों में रहता है। फिर चाहे ड्रग डिपार्टमेंट का अधिकारी हो या फिर इसका कोई पार्टनर फायदा ना मिलने पर यह उद्योगपति उन सब के खिलाफ झूठे षड्यंत्र रचने से भी गुरेज नहीं करता है।
विनय अग्रवाल के खिलाफ भी उद्योगपति सीआईडी भराड़ी थाना में दर्ज किया गया था। इससे पहले यह भी बताना जरूरी है कि कथित उद्योगपति ड्रग डिपार्टमेंट के एक पूर्व अधिकारी के काफी नजदीकी रहा है। लिहाजा बद्दी के कुछ उद्योगपतियों को विनय अग्रवाल के ख़िलाफ़ झूठी साजिश रचने से पहले उन्हें अपने प्रभाव में ले लिया गया था।
मगर कहते हैं झूठ के लंबे पांव नहीं होते लिहाजा माननीय उच्च न्यायालय के न्यायधीश वीरेंद्र सिंह ने विनय अग्रवाल की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में गवाहों ने अपने सिविल विवाद को निपटाने के लिए पुलिस के सामने याचिका करता विनय अग्रवाल के खिलाफ गवाही दी थी।
वही जानकारी तो यहभी मिली है कथित उद्योगपति के द्वारा अपनी महिला बिजनेस पार्टनर के साथ की गई धोखा धड़ी को लेकर काला अंब थाना में शिकायत भी दी गई है। इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई भी नहीं हो पाई है। बता दें कि इस उद्योगपति की हाल ही में पॉल्यूशन के मामले को लेकर उद्योग की बिजली भी काटी गई थी।
बरहाल माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के बाद न केवल कला अंब बद्दी के उद्योगपतियों ने राहत ली है विभागक के अधिकारियों को भी फिर से ईमानदारी से काम करने का भरोसा मिला है।
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