Himachalnow / Delhi
बुधवार को अमृतसर के गोल्डन टेंपल के गेट पर सुखबीर सिंह बादल पर एक बुजुर्ग शख्स ने फायरिंग की कोशिश की। बादल धार्मिक सजा के तहत गेट पर पहरेदारी कर रहे थे, जब अचानक एक व्यक्ति उनके पास आया और पिस्टल निकाल ली। हालांकि, बादल की सुरक्षा में तैनात एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह की सतर्कता के कारण पुलिस अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को रोका और उसकी गोली चलाने की कोशिश को नाकाम किया।
सुखबीर सिंह बादल का भावुक संदेश
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को अपनी जान बचाने वाले दो पुलिस अधिकारियों को गले लगाया। उन्होंने इस भावुक मौके पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर की, जिसमें उन्होंने इन अधिकारियों के साहस और वफादारी को सराहा।
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सुखबीर बादल ने कहा, “किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डालना आसान काम नहीं है। एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह हमारे परिवार के साथ प्रकाश सिंह बादल जी के समय से ही जुड़े रहे हैं। मैं और मेरा परिवार उनका ऋण कभी नहीं चुका सकते। भगवान उन्हें लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और सभी खुशियां दें।”
गोल्डन टेम्पल में हुई फायरिंग की घटना
फायरिंग की कोशिश
बुधवार को अमृतसर के गोल्डन टेंपल के गेट पर सुखबीर सिंह बादल पर एक हमलावर ने फायरिंग की कोशिश की। बादल धार्मिक सजा के रूप में गोल्डन टेंपल के गेट पर पहरेदारी कर रहे थे। इसी दौरान, एक बुजुर्ग व्यक्ति वहां पहुंचा और उसने गेट पर बैठे सुखबीर बादल को देखकर अपनी जेब से पिस्टल निकाली।
पुलिस की सतर्कता से हमलावर को रोका
हालांकि, बादल की सुरक्षा में तैनात एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह की सतर्कता ने हमलावर को फायरिंग करने का मौका नहीं दिया। दोनों पुलिस अधिकारियों ने तुरंत उसकी ओर बढ़कर उसे रोकने की कोशिश की। इस बीच, वहां मौजूद अन्य लोगों ने भी हमलावर को दबोच लिया। इस झगड़े के दौरान गोली दीवार में लग गई और पिस्टल हमलावर के हाथ से छीन ली गई।
पुलिस की कार्रवाई
इसके बाद, पुलिस को तुरंत सूचना दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस ने हमलावर को कस्टडी में ले लिया। हमलावर ने एक दिन पहले ही घटना की रेकी की थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वह साजिश के तहत आया था।
श्री अकाल तख्त द्वारा सुखबीर बादल को दी गई सजा
सेवा कार्य की सजा
श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर सिंह बादल को एक विशेष सजा सुनाई, जिसके तहत उन्हें गुरुद्वारे में सेवादारी करनी होगी। इस सजा में बर्तन धोने, पहरेदारी करने और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई शामिल है। यह सजा अकाली दल की सरकार के समय हुई धार्मिक गलतियों की भरपाई के रूप में दी गई है।
सजा का कारण
सुखबीर बादल और उनकी कैबिनेट के खिलाफ अकाल तख्त ने आरोप लगाए थे। आरोप था कि उन्होंने ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन दिए थे।
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