बारिश के दौरान टपकती छत और जर्जर दीवारों के बीच लोजा स्कूल के छात्रों की पढ़ाई ठप, ग्रामीणों ने स्थायी समाधान की लगाई गुहार
शिलाई
जर्जर हालत में स्कूल, बरसात में बच्चों की पढ़ाई पर संकट
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के राजकीय उच्च विद्यालय लोजा की खस्ताहाल इमारत बरसात में मुसीबत का कारण बन गई है। स्कूल की छत से पानी टपक रहा है और दीवारें पूरी तरह कमजोर हो चुकी हैं। ऐसे में 70 से अधिक छात्र एकमात्र बचे हुए कमरे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
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ग्रामीणों ने दिए वैकल्पिक कमरे, फिर भी समाधान नहीं
स्कूल की पुरानी इमारत को असुरक्षित घोषित कर वर्ष 2022 में गिरा दिया गया था, लेकिन नई बिल्डिंग अब तक नहीं बन पाई। तब से स्कूल एक कमरे में संचालित हो रहा है। खराब मौसम में ग्रामीणों ने अपने निजी कमरे और पास के प्राइमरी स्कूल का कमरा उपलब्ध कराया है, लेकिन यह व्यवस्था अस्थायी और असुविधाजनक है।
शौचालय की खराब हालत, छात्राओं को भारी दिक्कत
ग्रामीणों और एसएमसी सदस्यों ने बताया कि स्कूल के शौचालय भी टूटे-फूटे हैं, जिससे विशेषकर छात्राओं को काफी असुविधा हो रही है। बच्चों की पढ़ाई अब मौसम की मेहरबानी पर निर्भर हो गई है, क्योंकि बारिश के दिनों में कमरे में पढ़ाई संभव नहीं हो पाती।
प्रशासनिक मंजूरी के बाद भी निर्माण लंबित
स्कूल प्रबंधन ने बताया कि नई बिल्डिंग के लिए 1.27 करोड़ रुपये की प्रशासकीय मंजूरी मिल चुकी है। उपनिदेशक शिक्षा ने भी आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट मिलने के बाद प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने शिक्षा मंत्री और प्रशासन से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने की अपील की है।
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