Sukh Ashray Scheme : कविता जैसी बेटियों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना बनी नई उम्मीद , शादी, शिक्षा और आत्मनिर्भरता तक हर मोड़ पर सरकार बनी सच्चा अभिभावक
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
माता-पिता का साया खो चुकी कविता के लिए हिमाचल सरकार ने वह भूमिका निभाई जो केवल परिवार निभाता है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कविता को आत्मनिर्भर जीवन, कौशल और गरिमामयी विवाह का संपूर्ण सहारा मिला, जिससे उसकी ज़िंदगी एक नई दिशा में बढ़ी है।
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माता-पिता के बिना बड़ी हुई कविता को मिला सरकारी सहारा
ऊना जिले के जलग्रां टब्बा गांव की 24 वर्षीय कविता ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। मौसी ने उसकी परवरिश की, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण जीवन में कई कठिनाइयां थीं। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कविता को हर महीने पॉकेट मनी, कौशल प्रशिक्षण और अब विवाह में दो लाख रुपये की सहायता मिली।
कविता की शादी में सरकार ने निभाया सच्चा अभिभावक का किरदार
कविता की शादी अप्रैल 2024 में हुई, जिसके लिए सरकार ने 1.40 लाख रुपये सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए और 60 हजार की एफडी बनाई गई। कविता ने बताया कि योजना से उन्हें आत्मसम्मान, सुरक्षा और भविष्य का भरोसा मिला है। सिलाई-कढ़ाई का कौशल प्रशिक्षण लेकर वह अब आत्मनिर्भर भी हो रही हैं।
योजना से सैकड़ों बच्चों को मिला जीवन का नया आधार
ऊना में अब तक 24 बेटियों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत दो-दो लाख की सहायता मिल चुकी है। साथ ही, 294 बच्चों को कुल 3.11 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा व आत्मनिर्भरता की मदद दी गई है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी के अनुसार, योजना में अब ट्रांसजेंडर, परित्यक्त बच्चे और एकल नारियां भी शामिल की गई हैं।
सरकार का वादा: हर अनाथ बच्चा है “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट”
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जिनके माता-पिता नहीं हैं, उनके लिए सरकार ही परिवार है। बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, कोचिंग, आवास, भोजन, वस्त्र और भत्ते समेत हर जरूरी सुविधा दी जा रही है। पात्र बच्चों को 3 बिस्वा भूमि और 3 लाख रुपये का मकान निर्माण अनुदान भी मिलेगा।
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