Himachalnow / Delhi
वैश्विक रैंकिंग का ऐलान
वैश्विक उच्च शिक्षा विशेषज्ञ क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने आज ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2025’ का तीसरा संस्करण जारी किया। इस रैंकिंग में भारत के कई प्रमुख संस्थानों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे भारत की शिक्षा प्रणाली में सस्टेनेबिलिटी के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को उजागर किया गया है।
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आईआईटी दिल्ली ने हासिल किया भारत में पहला स्थान
इस साल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने भारत में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और वैश्विक स्तर पर 171वीं रैंक हासिल की है। यह पिछले साल की तुलना में 255 स्थानों की सुधार को दर्शाता है। आईआईटी दिल्ली का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि यह संस्थान सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
अन्य शीर्ष आईआईटी संस्थान
- आईआईटी खड़गपुर ने वैश्विक स्तर पर 202वीं रैंक प्राप्त की है, जो पिछले साल की तुलना में 147 स्थानों का सुधार है।
- आईआईटी बॉम्बे ने 234वीं रैंक प्राप्त की है और इसमें 69 स्थानों का सुधार हुआ है।
भारतीय संस्थानों में सुधार
कुल 77 भारतीय विश्वविद्यालयों ने इस साल क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में स्थान पाया है। इनमें से देश के शीर्ष 10 संस्थानों में से नौ ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। इस बार रैंकिंग में कुल 21 नए विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जो भारत में सस्टेनेबिलिटी के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में शीर्ष 10 भारतीय विश्वविद्यालय
नीचे दी गई सूची में आप देख सकते हैं, इस साल भारत के शीर्ष 10 विश्वविद्यालय कौन से हैं:
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IITD) – रैंक 171
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (IIT-KGP) – रैंक 202
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IITB) – रैंक 234
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IITK) – रैंक 245
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM) – रैंक 277
- दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) – रैंक 299
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) – रैंक 376
- वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान (VIT) – रैंक 396
- मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी (MAHE) – रैंक 401
- अन्ना विश्वविद्यालय (Anna University) – रैंक 412
निष्कर्ष: सस्टेनेबिलिटी पर भारत का बढ़ता फोकस
क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि देश में सस्टेनेबिलिटी के प्रति गंभीरता बढ़ रही है। इन रैंकिंग्स में सुधार यह साबित करता है कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक मानकों के अनुरूप अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं और पर्यावरणीय लक्ष्यों में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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