Himachalnow / Delhi
बिल का प्रस्तुतीकरण
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश करेंगे। यह बिल हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त कर चुका है।
कैबिनेट द्वारा मंजूरी
गुरुवार को कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दी, जिनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक है। यह विधेयक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान करता है। दूसरा विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों – दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए है।
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एक साथ चुनाव का प्रस्ताव
अगर इस विधेयक को लागू किया जाता है, तो लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों (शहरी या ग्रामीण) के चुनाव एक ही साल में होंगे।
- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने मार्च में रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता को स्वीकार किया गया था।
- समिति के अनुसार, एक साथ चुनाव ‘चुनावी प्रक्रिया को बदल सकते हैं’।
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
भा.ज.पा. का समर्थन और पहल
- भा.ज.पा. 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही एक साथ चुनाव कराने का समर्थन कर रही है।
- नीति आयोग ने 2017 में इस प्रस्ताव का समर्थन किया, और इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे संसद के संयुक्त सत्र में उठाया।
- 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इस प्रस्ताव की फिर से पुष्टि की थी।
भा.ज.पा. के चुनावी घोषणापत्र में यह मुद्दा
📢 लेटेस्ट न्यूज़
- एक साथ चुनाव कराना, भाजपा के 2014 और 2019 के चुनावी घोषणापत्रों का हिस्सा रहा है।
- भाजपा, अन्य राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने का तरीका विकसित करने की कोशिश करेगी।
- इस कदम से चुनाव खर्च कम करने के साथ-साथ राज्य सरकारों के लिए स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है।
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