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Karwa Chauth 2022: करवा चौथ में क्यों निभाई जाती है सरगी की परंपरा, जानें महत्‍व और खाने का…

SAPNA THAKUR | 12 अक्तूबर 2022 at 12:31 pm

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HNN/ नाहन

पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला महत्‍वपूर्ण करवा चौथ व्रत इस साल 13 अक्तूबर यानी कि कल रखा जाएगा। हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत को बहुत अहम माना गया है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। निर्जला रहकर रखे जाने वाले इस व्रत का आरंभ एक विशेष रीति के साथ किया जाता है जिसे सरगी खाने की परंपरा कहा जाता है। वैसे तो महिलाएं अपने घर की परंपरा के अनुसार करवा चौथ का व्रत और पूजन करते हैं लेकिन ज्यादातर जगहों पर सरगी की परंपरा निभाई जाती है। आइए जानते हैं करवा चौथ की सरगी खाने का क्‍या महत्‍व है और इस साल सरगी खाने का शुभ मुहूर्त क्‍या रहेगा?

क्यों खाई जाती है सरगी?
करवा चौथ पर सरगी खाने की परंपरा है। दरअसल, करवा चौथ निर्जल व्रत है जिसमें सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जल रहना होता है यानी पानी भी नहीं पीना होता है। करवा चौथ के व्रत को अत्यंत कठिन माना जाता है। ऐसे में व्रतियों की सेहत का ध्यान रखते हुए घर की बड़ी महिलाएं आशीर्वाद के तौर पर व्रतियों को सेहतमंद भोजन करवाती हैं ताकि व्रत के दौरान किसी तरह की कोई कठिनाई न हो। सरगी में पौष्टिक और सुपाच्य चीजों को शामिल किया जाता है ताकि पूरे दिन व्रत में ऊर्जा बनी रहे।

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सरगी का महत्व
करवा चौथ में सास के द्वारा अपनी बहू को सरगी दी जाती है जिसमें खाने की चीजें जैसे फल, सूखे मेवे, मिष्ठान और मीठी सेवइयां आदि चीजें होती हैं। इसके अलावा सरगी की थाली में श्रंगार का सामान जैसे, चूड़ी, सिंदूर, महावर, बिंदी, कुमकुम, साड़ी आदि चीजें शामिल होती है। सुहागिन स्त्रियों के लिए यह सारी चीजें सास की ओर से आशीर्वाद स्वरुप होती हैं। सास इन सभी चीजों के साथ अपनी बहू को सुखी वैवाहिक जीवन व सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं। सास अपने हाथों से बहू के लिए सरगी में खाने के लिए व्यंजन बनाती है, जिसे खाकर महिलाएं करवाचौथ के व्रत का आरंभ करती हैं। यदि किसी स्त्री की सास न हो तो मां, बहन या जेठानी आदि की तरफ से भी सरगी दी जा सकती है।

सरगी के सेवन का मुहूर्त
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले सुबह 4-5 बजे तक सरगी का काम पूरा कर लेना चाहिए। सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें। इससे व्रत का फल नहीं मिलता। ज्योतिषविदों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है। इस बार ब्रह्म मुहूर्त 13 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

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