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Kaal Bhairav Jayanti 2024: शुक्रवार को मनाई जाएगी, जानें सही पूजा मुहूर्त और विधि

हिमाचलनाउ डेस्क | 22 नवंबर 2024 at 10:48 am

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Kaal Bhairav Jayanti 2024: तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


काल भैरव जयंती 2024 इस साल 22 नवम्बर को मनाई जाएगी। इस लेख में हम आपको काल भैरव जयंती के महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और संबंधित नियमों के बारे में जानकारी देंगे। जानिए इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा किस समय करनी चाहिए और किन नियमों का पालन करना चाहिए।


काल भैरव जयंती का महत्व

काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के काल भैरव रूप की पूजा के लिए समर्पित है। माना जाता है कि काल भैरव की उपासना से सभी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है और व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से पूजा करने से जीवन में शांति, सुरक्षा और समृद्धि आती है।


Kaal Bhairav Jayanti 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • काल भैरव जयंती 2024 की तिथि: 22 नवम्बर 2024
  • पंचांग के अनुसार समय:
    • अष्टमी तिथि का आरंभ: 22 नवम्बर 2024 को शाम 6:07 बजे
    • अष्टमी तिथि का समापन: 23 नवम्बर 2024 को शाम 7:56 बजे
  • शुभ मुहूर्त:
    • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:54 बजे से 5:48 बजे तक
    • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:36 बजे से 12:19 बजे तक
    • अमृत काल: दोपहर 3:27 बजे से शाम 5:10 बजे तक

Kaal Bhairav Jayanti 2024

काल भैरव जयंती 2024: पूजा विधि और महत्वपूर्ण नियम

  1. काल भैरव पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:
    • नीले फूल, फल, मिठाइयाँ, और सरसों का तेल अर्पित करें।
    • काले कुत्ते को मीठी रोटी और दूध खिलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि कुत्ता काल भैरव का वाहन माने जाते हैं।
  2. भगवान शिव की पूजा:
    • काल भैरव जयंती के दिन भगवान शिव की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि काल भैरव उनके ही रूप में पूजे जाते हैं।
  3. दीप जलाना:
    • काल भैरव की प्रतिमा या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए। यह नकारात्मकता को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है।
  4. काल भैरव अष्टक या भैरव चालीसा का पाठ:
    • काल भैरव की पूजा में काल भैरव अष्टक या भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
  5. दान करने का महत्व:
    • इस दिन सरसों तेल, फल, नमक, और काले तिल का दान करना चाहिए। यह दान आत्मिक शांति और समृद्धि लाता है।

काल भैरव जयंती का आध्यात्मिक महत्व

काल भैरव जयंती 2024 का पर्व विशेष रूप से भगवान काल भैरव की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर है। इस दिन के उपयुक्त मुहूर्त और नियमों का पालन करके आप अपने जीवन में भय, नकारात्मकता और परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। काल भैरव के साथ भगवान शिव की पूजा और उचित दान करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होगा।

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इस लेख में दिए गए काल भैरव जयंती 2024 के तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि को जानकर आप इस पावन अवसर का सही तरीके से लाभ उठा सकते हैं।

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