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Illegal Blasting Sirmaur / एनएच-707 पर डायनामाइट से उड़ रहा पहाड़ : हाईकोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां, प्रशासन बना मूकदर्शक

Shailesh Saini | 7 जुलाई 2025 at 5:57 pm

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Illegal Blasting Sirmaur : सिरमौर के गंगटोली में अवैध ब्लास्टिंग से बढ़ा भूस्खलन और पर्यावरणीय खतरे का अंदेशा, स्थानीय लोगों में दहशत

नाहन

जिला सिरमौर के गंगटोली में राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पर इन दिनों खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बरसात के भारी भूस्खलन के खतरे के बीच, यहां पहाड़ को सरेआम डायनामाइट से ब्लास्ट कर उड़ाया जा रहा है, जिससे न सिर्फ प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का भी सीधा उल्लंघन हो रहा है।

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प्रयास सोसाइटी के सचिव धीरज रमोलने इस गंभीर मामले पर गहरी चिंता जताई है और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए हैं।जानकारी के अनुसार, सैकड़ों किलो विस्फोटक का एक साथ उपयोग किया जा रहा है, जिसकी गूँज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है।

"गंगटोली एनएच 707 पर डायनामाइट ब्लास्टिंग से उठता धुंआ और मलबा"

धीरज रमोल का कहना है किदिन-दहाड़े हो रहे इस काम की जानकारी स्थानीय प्रशासन, पुलिस और उच्च अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बड़ा सवाल जागते हुए कहा कि इतनी भारी मात्रा में खतरनाक विस्फोटक हिमाचल में आखिर कहां से पहुंच रहा है और किसकी शह पर पहाड़ों को इस तरह विस्फोटों से उड़ाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एचईएस इंफ्रा की सबलेट कंपनी रुदनव इंफ्रा कंपनी द्वारा एनएच-707 पर फेस तीन का कार्य किया जा रहा है और गंगटोली में रात के अंधेरे में भी भारी अवैध ब्लास्टिंग की जा रही है। ब्लास्टिंग से निकलने वाला मलबा सीधे नालों में फेंका जा रहा है, जिससे जलीय स्रोतों और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।

समिति के सचिव ने कहा कि डायनामाइट के अत्यधिक उपयोग से कोर्ट के आदेशों की खुलकर अवहेलना हो रही है और स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित पुलिस विभाग इस गंभीर उल्लंघन पर आंखें मूंदकर तमाशा देख रहे हैं।

पर्यावरण प्रेमियों, क्षेत्र के लोगों और प्रयास सोसाइटी सचिव ने कंपनी द्वारा किए जा रहे इन अवैध ब्लास्टिंग पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ब्लास्टिंग से जहां पानी के प्राकृतिक स्रोत खत्म हो रहे हैं, वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है।

बरसात के मौसम में इस तरह की ब्लास्टिंग से पहाड़ दरकने और बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। समिति सचिव का कहना है कि गंगटोली में लगातार हो रहे धमाकों से पहाड़ खोखले हो रहे हैं और पानी का जलस्तर भी कम होता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में जल स्रोतों के बंद होने और बड़ी आपदाओं के पैदा होने की आशंका है।

इस पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवालिया निशान उठ रहे हैं, क्योंकि नियमों को ताक पर रखकर हो रहे इन धमाकों से लोग दहशत में जी रहे हैं, लेकिन संबंधित विभाग को ये धमाके न तो सुनाई दे रहे हैं और न ही दिखाई दे रहे हैं।

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