Himachalnow / धर्मशाला
हर स्कूल और कॉलेज में साल में चार बार होगी मॉक ड्रिल
एडीएम डॉ. हरीश गज्जू ने कहा कि कांगड़ा जिले के प्रमुख शक्तिपीठों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिससे नवरात्रों और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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इंटर एजेंसी ग्रुप की समीक्षा बैठक आयोजित
शुक्रवार को मिनी सचिवालय में आपदा प्रबंधन की इंटर एजेंसी ग्रुप की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम डॉ. हरीश गज्जू ने कहा कि जिले की 100 पंचायतों के लिए आपदा प्रबंधन योजना तैयार की जाएगी। इस योजना में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
कॉलेजों और स्कूलों में मॉक ड्रिल अनिवार्य
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांगड़ा जिले के 31 सरकारी डिग्री कॉलेजों की आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा, सभी स्कूलों और कॉलेजों में साल में चार बार मॉक ड्रिल कराई जाएगी, जिससे बच्चों और शिक्षकों को आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जा सके।
सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने पर जोर
एडीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन में आम जनमानस की भागीदारी बेहद आवश्यक है। जब तक गांव और परिवार स्तर पर इसे अपनाया नहीं जाएगा, तब तक आपदा जोखिम को कम करना संभव नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्व तैयारी ही आपदाओं से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।
जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संगठनों के सहयोग से प्रभावी रणनीति लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इंटर एजेंसी ग्रुप का पुनर्गठन किया जाएगा, जिसमें हरजीत भुल्लर को संयोजक और अजय कुमार कांगड़ा को सह-संयोजक नियुक्त किया गया है।
बैठक में विभिन्न संस्थाओं की भागीदारी
बैठक में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वयक रोबिन कुमार और कुलदीप सिंह सहित करीब 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें सरकारी एजेंसियों , गैर-सरकारी संगठनों , स्वैच्छिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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