HNN/ शिमला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज ऐतिहासिक पिंक पैटल पर तमिलनाडु सरकार के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया। इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि बीते दिनों जनवरी माह में तमिलनाडु के तंजावुर जिले के सेक्रेड हार्टस ईसाई मिशनरी स्कूल के अंदर जबरन धर्मांतरण करने के दबाव बनाए जाने की वजह से आत्महत्या करने वाली छात्रा लावण्या को न्याय दिलवाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई ने आज धरना प्रदर्शन किया।
शिक्षा के मंदिर में ईसाई मिशनरियों द्वारा जबरन धर्मांतरण करवाए जाने की इस घटना से देश का छात्र समुदाय बहुत दुखी है। आकाश ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा “लावण्या के आत्महत्या की इस दुखद घटना ने ईसाई मिशनरियों द्वारा मिशनरी स्कूलों के अंदर जबरन धर्मांतरण करवाए जाने वाले प्रोपेगेंडा को उजागर कर दिया है। जिस तरह स्कूल प्रशासन की एक नन जिसका नाम सागया मैरी है उसके द्वारा लावण्या को धर्म परिवर्तन करने के लिए दवाब बनाया जाता है परंतु जब लावण्या ने अपने हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई मत में परिवर्तन होने के लिए मना कर दिया तब उस नन द्वारा लावण्या से शौचालय तथा लेबोरेट्रिस साफ करवाई जाती हैं, उसके साथ मारपीट भी की जाती है।
वहीं एक ओर नन जिसका नाम राचेल मैरी है उसके द्वारा लावण्या को धर्म परिवर्तन करने को लेकर तरह तरह के प्रलोभन भी दिए जाते हैं। परंतु लावण्या इन सभी अत्याचारों से तंग आकर अंत में आत्महत्या करने को मजबूर हो गई और मृत्यु से पहले एक वीडियो बनाकर स्कूल प्रशासन के धर्म परिवर्तन के प्रोपेगेंडा को उजागर कर दिया। इस पूरे मामले पर जहां तमिलनाडु सरकार को पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाना चाहिए था परंतु न्याय तो दूर स्टालिन सरकार उस स्कूल के बचाव में खड़ी नजर आ रही है। सरकार द्वारा कोई उचित कार्रवाई न किए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए जाते हैं।
परंतु तमिलनाडु सरकार सीबीआई जांच के खिलाफ न्यायलय में अपील कर देती है, यह बहुत दुखद है। जबकि पीड़िता का बयान, वीडियो जैसे साक्ष्य मौजूद है बावजूद इसके सरकार द्वारा मिशनरियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बीते सप्ताह तमिलनाडु के अंदर जब विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी के नेतृत्व में कार्यकर्ता लावण्या को न्याय दिलवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे तब वहां की तानाशाही सरकार द्वारा आंदोलन को कुचलते हुए विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी सहित 37 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
यह घटना बहुत दुखद है जहां पर एक बेटी के न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों को असंवैधानिक रूप से गिरफ्तार कर लिया जाता है। आकाश ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि इस पूरे मामले में संलिप्त सभी दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए तथा लावण्या के न्याय की मांग कर रहे सभी कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए।आकाश ने चेतावनी देते हुए भी कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाई नहीं करती है तो आने वाले दिनों में पूरे भारत से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्त्ता लावण्या को न्याय दिलवाने के लिए तमिलनाडु की ओर कूच करेंगे।