Himachalnow / धर्मशाला
तपोवन में नेवा का शुभारंभ, राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ी हिमाचल विधान सभा
हिमाचल प्रदेश विधान सभा, तपोवन, ने ई-विधान प्रणाली को छोड़कर अब राष्ट्रीय ई-विधान ऐप्लिकेशन (नेवा) को अपनाने का निर्णय लिया है। विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सदन में इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह कदम राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर इस अवसर पर उपस्थित थे।
पठानियां ने कहा कि ई-विधान प्रणाली का शुभारंभ 4 अगस्त 2014 को किया गया था, जिसे देशभर में सराहा गया। इस प्रणाली के कारण कागज रहित कार्य प्रणाली लागू हुई, जिससे हजारों पेड़ों की कटाई रोकी जा सकी और कार्य में पारदर्शिता, दक्षता और तीव्रता आई। अब नेवा प्रणाली लागू होने के साथ, विधान सभा की कार्यवाही राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होगी और इसे राज्यसभा, लोकसभा और अन्य विधान सभाओं के साथ एकीकृत किया जाएगा।
नेवा के माध्यम से जनप्रतिनिधि सीधे जनता से जुड़ सकेंगे और जनता के मुद्दों को सरलता और त्वरित गति से संबोधित कर पाएंगे। इस डिजिटल पहल से हर साल 10 से 15 टन कागज की बचत होगी, जो पर्यावरण के अनुकूल कदम है। पठानियां ने कहा कि भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय ने तपोवन में नेवा प्रणाली की स्थापना के लिए ₹8.13 करोड़ की स्वीकृति दी है, जबकि शिमला विधान सभा के लिए ₹12 करोड़ की डीपीआर भेजी गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेवा प्रणाली को पर्यावरण मित्र और आधुनिक प्रणाली बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने इसे लागू करने के लिए विधान सभा अध्यक्ष को बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली कार्य में दक्षता और पारदर्शिता लाएगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी अपने संबोधन में इस पहल की प्रशंसा की और इसे प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
अंत में, विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सभी सदस्यों और अधिकारियों से नेवा प्रणाली को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर इनका समाधान करेगा। शिमला विधान सभा के लिए भी नेवा प्रणाली शीघ्र लागू करने का भरोसा जताया गया।