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सुपर फार्मूला कामयाब, गत वर्ष से 25 करोड़ अधिक में सिरमौर के ठेके नीलाम

5 में से 4 यूनिट पर मैसर्स राजेश व एक यूनिट पर नितिन लिकर का कब्जा

HNN/ नाहन

आखिर राज्य कर एवं आबकारी विभाग जिला सिरमौर का शराब के ठेकों की नीलामी का सुपर फार्मूला कामयाब हो गया है। सुपर फार्मूले की वजह से अब जिला सिरमौर के विरान शराब के ठेके भी गुलजार हो जाएंगे। जिला की कुल 10 यूनिटस को 5 यूनिट्स मे प्लग किए जाने के बाद विभाग ने गत वर्ष की तुलना में 25 करोड़ अधिक राजस्व सरकारी खाते में दर्ज करवा दिया है। यानी कुल रिजर्व प्राइस से 31.53 फीसदी अधिक में शराब के ठेके नीलाम हुए हैं। शनिवार को हुए टेंडर कम ऑक्शन में 91 ठेकों की पांच यूनिट 78 करोड़ 31 लाख 40 हजार रुपए में बिक गई है।

टेंडर कम नीलामी प्रक्रिया शनिवार को ठीक 11:00 बजे के आसपास नाहन के एसएफडीए हॉल में शुरू हुई। नीलामी की यह प्रक्रिया उपायुक्त सिरमौर एवं प्रिजाइडिग ऑफिसर आर.के. गौतम की अध्यक्षता तथा जोनल कलेक्टर पंकज शर्मा ,उप आयुक्त हिमांशु तथा ऑब्जर्वर अनुपम सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई। तो वहीं यह टेंडर एवं नीलामी प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी रहे इसको लेकर एटीसी अविनाश चौहान और उनकी टीम पूरी तरह सक्रिय रही।

शराब के ठेकों की बिक्री प्रक्रिया में सबसे पहले सील्ड बॉक्स में गुप्त रूप से टेंडर डाले गए। टेंडर डालें जाने के बाद नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। सबसे पहले यूनिट नंबर वन नाहन- ददाहू के लिए बोली बोली गई। इस यूनिट की रिजर्व प्राइस 11 करोड़ 54 लाख 83 हज़ार 535 रुपए थी। इस यूनिट की बोली कम थी तो जब टेंडर खोला गया तो यह 16 करोड़ 52 लाख 20 हज़ार मैसर्स राजेश एंड कंपनी सोलन के नाम खुला।

इस यूनिट की रिजर्व प्राइस 11 करोड़ 54 लाख 83 हजार 535 रुपए रखी गई थी। वहीं यूनिक नंबर 2 कालाअंब, धौला कुआं सबसे अधिक 10 करोड़ 51 लाख की बोली में नाहन की नितिन लिकर फर्म के नाम रहा। यूनिटी रिजर्व प्राइस 8 करोड 92 लाख 3524 रुपए थी। यूनिट नंबर 3 राजगढ़- सराहां के लिए सबसे अधिक बोली 14 करोड़ पचास लाख के साथ अतुल अग्रवाल के द्वारा बोली गई मगर जब टेंडर बॉक्स खोले गए तो इस यूनिट की बिड 18 करोड़ 43 लाख के साथ सोलन के राजेश एंड कंपनी के नाम हुई।

इस यूनिट की रिजर्व प्राइस 14 करोड 16 लाख 4 हजार 515 रुपए थी। यूनिट नंबर 4 बद्री नगर शिलाई के लिए शैली अग्रवाल मैसर्स राजेश सत्येंद्र चंदेल सतविंदर उर्फ बिट्टू के द्वारा बोली लगाई गई। जिसमें सबसे ज्यादा शैली अग्रवाल ने 13.40 लाख रुपए की बोली दी, मगर जब टेंडर बॉक्स खोले गए तो इसमें सबसे ज्यादा विड 17 करोड़ 60 लाख 20 हजार की मैसेज राजेश एंड कंपनी के नाम खुली। इस यूनिट की रिजर्व प्राइस 12 करोड 93 लाख 74 हज़ार 266 थी।

पांचवें और अंतिम यूनिट पुरूवाला गोविंदघाट जिसकी रिजर्व प्राइस 12 करोड 42 लाख 51 हजार 688 रुपए थी और मजे की बात तो यह है कि जहां इस यूनिट की सबसे अधिक बोली सतविंदर के द्वारा 15 करोड़ 11 लाख की दी गई थी। मगर टेंडर बॉक्स खोले जाने पर सबसे अधिक विड इस यूनिट के लिए भी राजेश एंड कंपनी सोलन के नाम रही। मैसर्स राजेश के द्वारा इस यूनिट के लिए 15 करोड़ 25 लाख रुपए कोड किए गए थे।

इस प्रकार जिला सिरमौर के पांचों यूनिट रखी गई रिजर्व प्राइस 59 करोड़ 99 लाख 27 हज़ार 528 रुपए की तुलना में 78 करोड़ 31 लाख 40 में बेचकर जिला सिरमौर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के द्वारा बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। हिमाचल नाउ न्यूज़ के द्वारा विभाग के इस फार्मूले को सुपर फार्मूला कामयाब देते हुए पहले ही बेहतर राजस्व जुटाए जाने का अंदेशा जता दिया था और इससे भी बड़ी बात तो यह है कि जब पहले 10 यूनिट हुआ करते थे तो कुछ ऐसे भी ठेके हुआ करते थे जिनके चलते वहां कोई बोली नहीं दिया करता था।

विभाग को ठेकेदारों के आगे घुटने टेकने पर भी मजबूर होना पड़ता था। मगर इस बार सिरमौर की एक्साइज विभाग की टीम के द्वारा तमाम वाइन कांट्रेक्टर से संपर्क साधते हुए उन्हें सादर आमंत्रित भी किया था। विभाग के अधिकारियों के द्वारा नीलामी प्रक्रिया शुरू किए जाने से पहले नियम और शर्तें हिंदी में पढ़ कर सुनाई गई थी। साथ ही जो डिफाल्टर या ब्लैक लिस्टेड अथवा असामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहे कांट्रेक्टर थे उन्हें पहले ही नीलामी स्थल से दूर रहने की हिदायत भी दी गई थी।

उपायुक्त सिरमौर आर.के. गौतम के द्वारा इस बड़ी अचीवमेंट पर जिला की एक्साइज टीम को बधाई दी गई। डीसी सिरमौर ने बताया कि इस बार के पांचों यूनिट रिजर्व प्राइस 18 करोड़ 32 लाख रुपए के फायदे में गए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार 25 करोड़ अधिक का राजस्व बड़ा है।


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