24 घंटे हाई अलर्ट के साथ जंगलों पर नजर रखेंगे फायर वाचर
HNN/ नाहन
जिला सिरमौर के जंगलों को फायर सीजन के दौरान आग से बचाने को लेकर वन विभाग ने कमर कस ली है। जिला सिरमौर वन विभाग के द्वारा जंगलों को आग से बचाने के लिए क्विक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन भी कर दिया गया है। यही नहीं वन विभाग के तमाम कर्मचारियों को जंगलों की सुरक्षा के मद्देनजर हाई अलर्ट पर भी डाल दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला सिरमौर वन विभाग के चार डिवीजनों के अंतर्गत ब्लॉक व रेज स्तर पर 1-1 फॉरेस्ट गार्ड के साथ फॉरेस्ट वर्कर और हर रेंज में फॉरेस्ट वाचर भी नियुक्त कर दिए गए हैं।
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यही नहीं जंगलों को आग से बचाने के लिए बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम में स्थानीय लोगों को भी मददगार के रूप में शामिल किया गया है। आग बुझाने में शामिल हर टीम के सदस्य को आग से लड़ने के लिए अग्नि संयंत्र के साथ डांगरी और मास्क भी जारी किए गए हैं। हालांकि, वन विभाग द्वारा जंगलों को आग से बचाने की मुहिम में स्टाफ की भारी कमी भी महसूस की जा रही है। बावजूद इसके कम संसाधनों के साथ बनाई गई योजना के बूते पर जंगलों को आग से बचाने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। बताना जरूरी है कि जिला सिरमौर में लगभग 1700 स्क्वायर किलोमीटर वन क्षेत्र है।
हर वर्ष कई हेक्टेयर जंगल गर्मियों की आग में भस्म हो जाता है। जिला सिरमौर में टोटल 17 रेंज है। जिसके तहत हर फॉरेस्ट गार्ड के पास 400 से 500 हेक्टेयर जंगल की जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई है। जंगलों में हर बीट पर फॉरेस्ट वॉच टावर भी बनाए गए हैं। इन फॉरेस्ट वॉच टावर पर हर वक्त वन विभाग का कर्मचारी जंगलों पर नजर रखेगा। यही नहीं वन विभाग के द्वारा कुछ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। जिन पर कहीं पर भी जंगल में अगर आग लगती है तो उसकी सूचना दी जा सकती है।
बरहाल, एक ओर जहां सरकार के द्वारा ड्रोन पॉलिसी बना दी गई है बावजूद इसके प्रदेश वन विभाग आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। आधुनिक ड्रोन की मदद से ना केवल सुलगते जंगल पर नजर रखी जा सकती है बल्कि जंगल में आग लगाने वाले व्यक्ति को भी पकड़ कर दंडित किया जा सकता है। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह भी है कि बहुमूल्य वन संपदा को आग से बचाने को लेकर वन विभाग के पास अपना कोई भी फायर टेंडर नहीं है। वन विभाग के द्वारा जुगाड़ू व्यवस्था कर जंगल की आग को बुझाने का कार्य किया जाता है। जिसमें ना केवल करोड़ों की संपदा खत्म हो जाती है बल्कि वन विभाग कर्मचारियों की जान पर भी खतरा बना रहता है।
उधर, डीएफओ हेड क्वार्टर वेद शर्मा ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि इस बार जंगलों को आग से बचाने को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। फारेस्ट डिपार्टमेंट के द्वारा क्विक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर हर व्यक्ति की जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई है।
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