उद्योग द्वारा मानकपुर नदी के किनारे फेंका जा रहा वेस्ट स्क्रैप
HNN/ ओम शर्मा/ बीबीएन
प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में उद्योग सरेआम प्रदूषण मानकों, माननीय उच्च न्यायालय व एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उद्योगों द्वारा खुलेआम बेख़ौफ़ होकर निमयों की धज्जियां ऐसे उड़ाई जा रही हैं जैसे उद्योगों को न तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का कोई डर हो ओर न ही उच्च न्यायालय व एनजीटी के सख्त नियमों की कोई परवाह।
उद्योगों द्वारा बीबीएन की हवा, पानी और जमीन में खुलेआम जहर घोला जा रहा है। ऐसा ही मामला किशनपुरा में ग्लेनमार्क फार्मा उद्योग के सामने स्थित सिग्नेयोर मेडिपेक यूनिट 3 का सामने आया है। उद्योग द्वारा मानपुरा के मानकपुर में डाबर उद्योग के समीप नदी किनारे वेस्ट स्क्रैप फैंका जा रहा है।
लोगों का कहना है के सिग्नेयोर मेडिपेक अपनी गाड़ी में भरकर वेस्ट स्क्रैप यहां लाकर नदी के किनारे फेंक रही है। दिन में वेस्ट फेंकने के बाद रात के समय वेस्ट को आग लगा दी जाती है। मानकपुर नदी के किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं और हवा चलने पर यह सारा कचरा इधर-उधर फैलता है।
वहीं आग लगाने के चलते यह कचरा सुलगता रहता है और इस कचरे से दिन रात धुआं उठता है। स्थानीय लोगों नरेश चौहान, संदीप कुमार, बलबीर सिंह, रवि चौधरी, मनदीप चौहान ने बताया के उद्योगों द्वारा मानकपुर, लोदीमाजरा ओर दवनी एरिया में सरेआम गंदगी फैलाई जा रही है।
वहीं सिग्नेयोर मेडिपेक उद्योग द्वारा मुख्य गेट पर इनवायरमेंटल डाटा बोर्ड तक नहीं लगाया गया था। जबकि हर उद्योग को बोर्ड लगाकर उस पर विभागों, लेबर, प्रदूषण व अन्य जानकारी अपडेट करना जरूरी है। लेकिन सिग्नेयोर मेडिपेक के लिए शायद कोई नियम कानून मायने नहीं रखते।
उद्योग के अंदर खड़ा पाया गया कूड़ा फेंकने वाला फोर व्हीलर
लोगों की शिकायत के बाद जब मीडिया टीम ने कम्पनी का दौरा किया तो कूड़ा फेंकने वाला फोर व्हीलर नम्बर HP-93-5036 जिस पर कम्पनी का नाम लिखा था अंदर ही खड़ा मिला। इसी वाहन के माध्यम से किशनपुरा से कचरा भरकर मानकपुर नदी के किनारे फेंका गया।
पेंचर हो गई थी गाड़ी
इस बारे जब सिग्नेयोर मेडिपेक के प्रोडक्शन हेड सुंदर से पूछा गया तो उनका कहना था के गाड़ी पेंचर हो गई थी तो वहां खड़ी की गई थी। जब उन से पूछा गया के गाड़ी से तो कचरा उतारते हुए फ़ोटो मौजूद हैं तो उनकी जुबान लड़खड़ा गई और मिस्टर सुंदर कोई जवाब नहीं दे पाए।
कम्पनी प्रबंधक बोले नो कमेंट
सिग्नेयोर मेडिपेक द्वारा नदी के किनारे कूड़ा फेंकने को लेकर जब प्रबंधक मिस्टर नीरज से पूछा गया तो उनका कहना था नो कमेंट। कंपनी द्वारा प्रदूषण निमयों की धज्जियां उड़ाने की जवाबदेही किसकी है यह भी एक बड़ा सवाल है। आखिरकार कब तक पर्यावरण से खिलवाड़ पर ऐसे जवाब दिए जाते रहेंगे।
ऐसे उद्योगों पर हो सख्त कार्रवाई
इस बाबत पर्यावरण संस्था हिमाचल क्लीन एंड सेव इनवायरमेंट सोसायटी के अध्यक्ष विजय चंदेल कहना है कि ऐसे उद्योगों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। संस्था ने कहा के सिग्नेयोर मेडिपेक उद्योग की शिकायत प्रदेश सरकार और एनजीटी को भी भेजी जाएगी।
पर्यावरण से खिलवाड़ करने वाले उद्योगों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। संस्था ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। संस्था का कहना है कि प्रदूषण विभाग की नाक तले उद्योग खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और विभाग नींद में है।
उधर, अनिल जोशी मेंबर सेक्रेटरी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड शिमला ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी के अधिकारियों को जांच और तुरंत सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। पर्यावरण से खिलवाड़ और नियमों की अवहेलना करने वालों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।