आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम की तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर सोमवार को अपने गृह क्षेत्र रोहडू पहुंचीं, जहाँ उनका स्वागत उत्सव जैसा रहा। पूरे रास्ते में लोगों ने उन्हें कंधों पर उठाकर, फूल मालाओं से स्वागत किया और जयकारे लगाए।
रोहडू
हाटकोटी मंदिर में पूजा के बाद किया प्रवेश
चंडीगढ़ से सुबह सात बजे निकली रेणुका ठाकुर दोपहर बाद हाटकोटी मंदिर पहुँचीं, जहाँ उन्होंने मां सुनीता ठाकुर, भाई विनोद ठाकुर और भाभी के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिर में करीब एक घंटे तक रहीं और इसके बाद गांव की ओर रवाना हुईं। महेंदली में सवर्ण समाज के लोगों ने उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत जुलूस में कंधों पर उठाकर आगे बढ़ाया।
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विधायक और प्रशासन ने किया सम्मानित
रोहडू पहुंचने पर विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और एसडीएम धर्मेश रमोत्रा ने प्रशासन की ओर से शाल, टोपी और चांदी का मुकुट पहनाकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर रेणुका के परिवार को भी सम्मानित किया गया। सभागार में रेणुका ठाकुर की बायोग्राफी भी प्रदर्शित की गई, जिसमें बताया गया कि किस तरह उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में क्रिकेट में कदम रखा और आज विश्व कप जीत तक का सफर तय किया।
परिवार का गर्व और भावनाएँ
रेणुका की माँ सुनीता ठाकुर ने कहा कि बेटी ने न केवल परिवार बल्कि प्रदेश और देश का नाम ऊंचा किया है। पिता केहर सिंह का निधन तब हुआ था जब रेणुका दो वर्ष की थीं। माँ ने बताया कि मेहनत और परिवार के सहयोग से आज बेटी ने अपने पिता का सपना साकार कर दिखाया है।
चाचा ने पहचानी प्रतिभा, दिलाया मुकाम
रेणुका ठाकुर के चाचा भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने सबसे पहले उनके भीतर छिपी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें 13 साल की उम्र में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट अकादमी, धर्मशाला तक पहुँचाया। रेणुका ने कहा कि मां से मेहनत की प्रेरणा और चाचा से दिशा मिली। विश्व कप जीतने के बाद लड़कियों में क्रिकेट के प्रति रुचि बढ़ेगी और आने वाले टूर्नामेंट के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
तनाव में भी बनाए रखा संतुलन
रेणुका ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान तनाव बना रहता था, लेकिन ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक माहौल बनाए रखने के लिए वह पेंटिंग बनाया करती थीं। मोर की पेंटिंग उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रही। उन्होंने कहा कि मेहनत और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात का अनुभव
रेणुका ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात करना गर्व का क्षण था। उन्होंने कहा कि यदि सरकारें प्रतिभाओं को समय पर मंच और प्रोत्साहन दें, तो हर युवा देश के लिए गौरव बन सकता है। हिमाचल सरकार द्वारा उन्हें दी गई ईनामी राशि के लिए उन्होंने धन्यवाद भी दिया।
गांव में खुशी और सम्मान समारोह
गांव पारसा में रेणुका ठाकुर के सम्मान में धाम का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। लोगों ने रेणुका के साथ सेल्फी ली, ऑटोग्राफ लिए और उनके सम्मान में गीत गाए। रेणुका ने अपनी मां का हाथ थामे पूरे समारोह में भावुक होकर आशीर्वाद लिया।
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