HNN/ ऊना वीरेंद्र बन्याल
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत केंद्र और राज्य की टीम विकास खण्ड बंगाणा के स्वंय सहायता समूहों के सदस्यों से मिले और उनके द्वारा प्राकृतिक तरीके से तैयार खेती, मुर्गी पालन, बकरी पालन, स्वंय सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का भी निरीक्षण किया। टीम कृषिसखियाँ और पशुसखियाँ, ए एल, आईसीआरपी, बैंक सखियाँ से भी मिली और उनके फील्ड कार्यों और अनुभव के बारे में बातचीत भी की।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बने स्वंय सहायता समूह आज आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं। कृषिसखियाँ और पशुसखियाँ भी अलग-अलग पंचायतों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और सरकार द्वारा चलाई गई कई योजनाओं के बारे में भी बता रही हैं। थानाकलां पंचायत में कृषिसखी संतोष कुमारी मुख्यमंत्री 1 बीघा योजना के तहत भूमि समतल करके प्राकृतिक तारीके से गोभी और टमाटर की फसल लगाकर आज बाजार में बेच कर अपनी आय कमा रही है।
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वहीं अंजू बाला भी कड़कनाथ मुर्गियां पालन और बकरियाँ पालन करके अपने परिवार की आजीविका को बढ़ा रही है। दूसरी ओर लठियानी पंचायत में पशुसखी सपना ने आजीविका बढ़ाने के लिए अलग-अलग देसी नस्ल की मुर्गियाँ, बकरियाँ और देसी गाय रखी है। विकासखण्ड बंगाणा के अधिकतर महिलाएं खेती पर निर्भर हैं। स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं को प्राकृतिक खेती की ओर जागरूक किया जा रहा है।
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