Himachalnow / कांगड़ा
‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ : प्रदेश सरकार किसानों और पशुपालकों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध
ज्वाली। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित किसान गोष्ठी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान का जिलास्तरीय शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल बीमा पॉलिसी के दस्तावेज सीधे सौंपना है, जिससे वे अपनी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रख सकें।
किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों और पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि बैंक से ऋण लेने वाले किसानों की फसल का बीमा बैंक द्वारा स्वतः कर दिया जाता है। वहीं, अन्य किसान पोर्टल या लोक मित्र केंद्र के माध्यम से स्वयं भी अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं।
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जिला कांगड़ा में हजारों किसानों को मिलेगा बीमा लाभ
मंत्री ने बताया कि 15 दिसंबर 2023 तक जिले के 33,236 किसानों ने गेहूं और जौ की फसल का बीमा करवाया है और उन्हें अगले दो हफ्तों में पॉलिसी दस्तावेज वितरित किए जाएंगे। इसी तरह, 2023 के खरीफ सीजन में 30,916 किसानों ने 346 लाख रुपये का प्रीमियम देकर मक्की और धान की फसल का बीमा कराया था, जिसके तहत प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान झेलने वाले 12,102 किसानों को 543 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।
बीमा प्रीमियम और क्लेम की जानकारी
गेहूं की फसल के बीमा के लिए किसानों को 72 रुपये प्रति बीघा और जौ के लिए 60 रुपये प्रति बीघा का प्रीमियम देना पड़ता है। यदि प्राकृतिक कारणों से फसल को नुकसान होता है, तो गेहूं के लिए अधिकतम 4800 रुपये प्रति बीघा और जौ के लिए 4000 रुपये प्रति बीघा की दर से क्लेम दिया जाता है। यदि किसी किसान की फसल ओलावृष्टि या जलभराव से प्रभावित होती है, तो वह 72 घंटे के भीतर ‘क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड’ के टोल-फ्री नंबर 1800 572 3013 पर संपर्क कर सकता है।
किसानों और पशुपालकों के लिए सरकार की अन्य योजनाएँ
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें कृषि उपकरणों पर सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्राकृतिक खेती से उगाई गेहूं और मक्की की खरीद, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शामिल हैं।
पशुपालकों को आर्थिक सहयोग देने के लिए भी कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। गाय के दूध को 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति लीटर की दर पर खरीदा जा रहा है। प्रदेश में अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। पशुपालकों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद खरीदी जा रही है, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा और मृदा उर्वरता में सुधार होगा।
किसानों को जागरूक करने का आह्वान
कार्यक्रम में अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ. राहुल कटोच ने कहा कि सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
उप कृषि निदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने किसानों को कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिससे वे अपनी फसलों को अधिक सुरक्षित और लाभकारी बना सकें।
10 किसानों को सौंपे गए बीमा दस्तावेज
कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने 10 किसानों को उनके फसल बीमा पॉलिसी के दस्तावेज सौंपे। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. राहुल कटोच, एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. विपन गुलेरिया, कांग्रेस प्रवक्ता संसार सिंह संसारी और पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष चैन सिंह गुलेरिया शामिल थे।
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