दिग्गजों को मिला सम्मान, नए और पुराने चेहरों के साथ कूटनीतिक सतुलन
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आगामी संगठनात्मक और चुनावी चुनौतियों को देखते हुए 129 सदस्यों वाली एक विस्तृत प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा कर दी है।
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इस जंबो कार्यसमिति में पुराने और नए चेहरों का संतुलन साधने का प्रयास किया गया है, जिसमें 24 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 105 कार्यसमिति सदस्य शामिल किए गए हैं।
डॉ. बिंदल द्वारा गठित इस नई टीम को मिशन 2027 (अगले विधानसभा चुनाव) की तैयारियों को गति देने और पार्टी के भीतर संतुलन साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
स्थायी आमंत्रित सदस्यों में ‘अनुभवी चेहरे’स्थायी आमंत्रित सदस्यों की सूची में पार्टी के सभी बड़े और अनुभवी नेताओं को शामिल कर उन्हें उचित सम्मान दिया गया है।
इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जे.पी. नड्डा), नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद कंगना रणौत और इंदू गोस्वामी भी इस सूची का हिस्सा हैं।
सूची में अन्य प्रमुख नाम
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंदेल, सुरेश भारद्वाज, महेश्वर सिंह, सतपाल सिंह सत्ती, सुरेश कश्यप, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, अनिल शर्मा, रविंद्र सिंह रवि, सरवीण चौधरी, गोविंद ठाकुर, सुखराम चौधरी, बिक्रम ठाकुर, और पूर्व डिप्टी स्पीकर हंसराज।
105 सदस्यीय कार्यसमिति में विधायकों को महत्व105 कार्यसमिति सदस्यों की सूची में वर्तमान विधायकों से लेकर विभिन्न जिलों के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और युवा चेहरों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
विधायकों में सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, जेआर कटवाल, इंद्र सिंह गांधी, सुरेंद्र शौरी, रीना कश्यप, प्रकाश राणा, डॉ. जनकराज, रणवीर सिंह निक्का, लोकेंद्र कुमार समेत कई अन्य नाम शामिल हैं।
कार्यसमिति में विजय मनकोटिया, पवन नैय्यर, चेतन बरागटा, विशाल नैहरिया, विशाल चौहान, होशियार सिंह, रवि ठाकुर जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रभावशाली नेताओं को जगह मिली है।
महिला प्रतिनिधित्व को दर्शाते हुए कमलेश कुमारी, वंदना गुलेरिया, नीलम सरैक, नीना शर्मा, शोभा डढवाल, धन्नो देवी, गायत्री कपूर, शीला देवी को भी जिम्मेदारी दी गई है।
संगठन के जानकारों का मानना है कि डॉ. बिंदल ने इस विशाल कार्यसमिति के माध्यम से पार्टी के सभी धड़ों, पुराने दिग्गजों और नए ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को साधने का प्रयास किया है, ताकि आगामी चुनावों में पूरी एकजुटता के साथ पार्टी आगे बढ़ सके।
बड़ी बात तो यह है कि डॉ राजीव बिंदल ने मिशन 2027 को एक बड़ी चुनौती के रूप में लिया है। सबसे बड़ी चुनौती उनको अपने गृह जिला सिरमौर से है। डॉ राजीव बिंदल के प्रभाव और कूटनीतिक रणनीति उनके कद को न केवल प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ी पहचान दे सकती है जाहिर है ऐसे में उन्हें अपने जिला की पांचो सीटों पर ज्यादा फोकस करना होगा।
ऐसे में यदि राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो इस बार डॉ राजीव बिंदल सिरमौर से श्री रेणुका जी विधान सभा क्षेत्र की सीट सहित शिलाई में नया चेहरा भी तलाश सकते हैं। हालांकि शिलाई से भाजपा पहले चुनाव जीत चुकी है मगर श्रीरेणुका जी विधानसभा सीट पर नारायण सिंह की वजह से डॉ राजीव बिंदल की किरकिरी भी हुई थी।
राजनीतिक गणित और जोड़ तोड़ की बात की जाए तो भाजपा अपनी रणनीति में बदलाव करती है तो श्री रेणुका जी विधानसभा आने वाले समय में भाजपा की सबसे मजबूत सीट हो सकती है।
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