HNN/ नाहन
राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ सीमित जिला सिरमौर उपभोक्ताओं की कसौटी पर खरा उतरता नजर आ रहा है। यही वजह है कि जिला सिरमौर में मिल्कफेड ने दूध कलेक्शन में 3000 लीटर प्रतिदिन का आंकड़ा छू लिया है। यही नहीं, मिल्कफेड जिला सिरमौर के द्वारा नाहन में डोर टू डोर सर्वे का कार्य शुरू किया गया है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उपभोक्ताओं को शुद्ध और कीटाणु मुक्त दूध उपलब्ध कराकर किसानों की आर्थिकी को मजबूत करना है।
![](https://himachalnownews.com/wp-content/uploads/2022/07/Milkfed-Sirmaur-touched-1.jpg)
बड़ी बात तो यह है कि जहां नाहन शहर में पहले प्रतिदिन 800 से 900 लीटर दूध की खपत होती थी वही यह बढ़कर अब 2000 लीटर पर पहुंच गई है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जिला सिरमौर की कुछ सोसाइटीज लचर व्यवस्था के चलते बंद पड़ गई थी। मगर हाल ही में मिल्कफेड जिला सिरमौर के द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए बंद पड़ी सोसाइटीज़ को फिर से शुरू कर दिया है।
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सोसाइटीज में सदस्यों की संख्या बढ़नी भी शुरू हो चुकी है, जिसके चलते किसानों के द्वारा अपना दूध सोसाइटी में देना शुरू कर दिया है। बता दें कि जिला सिरमौर में मिल्कफेड का नाहन में मुख्य अभीशीतन केंद्र है। मौजूदा समय बागथन, मरियोग, राजगढ़ तथा सराहां में भी चिलिंग सेंटर रखे गए हैं। नाहन में बागथन तथा सराहां के चिलिंग सेंटर से दूध आता है। जबकि राजगढ़ से इकट्ठा किए जाने वाला दूध सोलन के उपभोक्ताओं को पहुंचाया जाता है।
मिल्कफेड जिला सिरमौर का मुख्य उद्देश्य इस समय दूध की मात्रा बढ़ने के बाद सेल की ओर ध्यान देना है। यही वजह है कि सेल को बढ़ाने के लिए मिल्कफेड के द्वारा सर्वे शुरू किए गए हैं। उपभोक्ताओं में अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए मिल्कफेड के द्वारा दुग्ध वाहन के साथ शिकायत पुस्तिका भी रखी गई है। उपभोक्ता सुझाव और शिकायत इस पुस्तिका में दर्ज कर सकते हैं।
क्यों है मिल्कफेड का दूध सबसे बेहतर
मिल्कफेड पहाड़ी व स्थानीय गायों का दूध सोसाइटी के माध्यम से कलेक्ट करता है। दूध को किसान से लेने के दौरान और अभीशीतन केंद्र में पहुंचने के बाद दोनों समय लैबोरेट्री में उच्च स्तरीय परीक्षण होता है। लैब परीक्षण के बाद दूध को 70 डिग्री से अधिक टेंपरेचर पर गुजारने के बाद इसे कीटाणु रहित किया जाता है। इन तमाम प्रोसेस के बाद दूध को चिलर में चिल्ड किया जाता है। पूरी तरह जांच परख के बाद ही यह सरकारी दूध उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है।
यही वजह है कि मिलावट के दौर में यह सरकारी दूध उपभोक्ताओं की पहली पसंद बन गया है। हालांकि, दूध की बढ़ती मात्रा को लेकर जिला सिरमौर मिल्कफेड अन्य दुग्ध उत्पादों को भी बनाने को लेकर योजना तैयार कर रहा है। जिसके तहत बड़े समारोह शादी, पार्टी आदि में फ्लेर्वड मिल्क दही, खीर और मीठी तथा नमकीन लस्सी को भी मार्केट में उतारने की योजना बना रहा है।
उधर, जिला सिरमौर मिल्कफेड के तकनीकी अधीक्षक व प्रमुख देवांश जसवाल ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके द्वारा दूध की सेल बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वे शुरू किए जा रहे हैं।
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