HNN/ चंबा
जिला में हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योगों को बढ़ावा देने तथा बुनकरों एवं दस्तकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विधानसभा क्षेत्र चंबा में विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम तथा जनजाति क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे इन केंद्रों में विभिन्न हस्तशिल्प एवं हथकरघा वस्तुओं का उत्पादन कर इनके विपणन की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात विधायक पवन नैय्यर ने ग्राम पंचायत साहो के चेतना केंद्र में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम विभाग चंबा द्वारा 3 माह के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए उपस्थित प्रशिक्षु तथा लोगों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि हस्तशिल्प कलाओं के संरक्षण के लिए जिला भर में पारंपरिक हस्तशिल्प, बुनकरों व अन्य कारीगरों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जिला के बुनकरों और कारीगरों के उत्पाद जैसे चंबा चप्पल, चुख व अन्य प्रसिद्ध उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ख्याति प्राप्ति तथा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान विधायक पवन नैयर ने हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम संजीव कटवाल ने मुख्य अतिथि को शाॅल व टोपी पहनाकर सम्मानित भी किया। इस दौरान उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम संजीव कटवाल ने उपस्थित लोगों को लोकल फॉर वोकल पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि एकीकृत डिजाइन और तकनीकी विकास परियोजना के तहत इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से 40 महिलाओं को शॉल बुनाई एवं कढ़ाई के कौशल विकास हेतु गत तीन महीने में प्रशिक्षित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 14 लाख 85 हजार की धनराशि को व्यय किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि जिला चंबा में लगभग 2 हजार महिलाओं को उक्त प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित गया था जिसमें लगभग 1200 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।